भारतीय जनता पार्टी को हिदुत्वादी पार्टी कहा जाता है। पार्टी में कई ऐसे नेता हैं, जो हिंदुत्व को लेकर खुलकर बातें करते हैं और इस्लाम तथा मुसलमानों से संबंधित विवादों की आलोचना करते हैं। इनकी पहचान हिंदुत्व के प्रखर प्रवक्ता और पार्टी के फायर ब्रांड नेता के रूप में है। यहां हम भाजपा के ऐसे ही पांच नेताओं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा, संगीत सोम और कपिल मिश्रा के बारे में बात करेंगे।
योगी आदित्यनाथ
योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनने से पहले और बाद में भी भाजपा के सबसे बड़े फायर ब्रांड नेता माने जाते हैं। जो कहते हैं वो करके दिखाते हैं, की छवि के नेता योगी आदित्यनाथ की है। 2017 में उनके मुख्यमंत्री बनने से पहले शायद ही किसी ने सोचा होगा कि पार्टी उन्हें इतने बड़े पद बैठाएगी। इस्लाम और मुसलमानों के कट्टर विरोधी माने जाने वाले योगी आदित्यनाथ गोरखपुर लोकसभा से सांसद रहते हुए भी अपनी बेबाक बातों के लिए हमेशा चर्चा में रहते थे।
2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद भी अपनी छवि को बरकार रखने वाले योगी आदित्यनाथ ने डंके की चोट पर 2022 में भी उत्तर प्रदेश में धमाकेदार जीत दर्ज कर वापसी की। हिंदुत्व के पोस्टर बॉय कहे जाने वाले योगी आदित्यनाथ शायद पहले ऐसे नेता हैं, जो भगवाधारी होने के बावजूद देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। अपने बयान और पहनावे से भी हिंदुत्व का परिचय देने वाले योगी ने राजनीति में भी अपने सुझबूझ का परिचय दिया है। मूल रूप से उत्तराखंड के निवासी अजय सिंह बिष्ट ने 1994 संन्यासी बन गए। इसके साथ ही उन्होंने अपना नाम योगी आदित्यनाथ रख लिया।
मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें कड़े फैसले लेने वाले नेता के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कई ऐसे फैसले लिए, जिस कारण उनकी छवि हिंदुत्व के प्रखर प्रवक्ता के रूप में बन गई। अपने कार्यकाल में उन्होंने अवैध कत्लखानों पर प्रतिबंध लगा दिया और गो हत्या पर नकेल कस दी।
-जबरन धर्मांतरण के खिलाफ पहले वे अध्यादेश और फिर विधेयक-कानून लेकर लाए। बाद में अन्य भाजपा शासित राज्यों ने भी इसे अपने तरीक से लागू किया।
-दूसरी बार मुख्यमंत्री बनकर उन्होंने कई किंवदंतियों को गलत साबित किया और 37 साल बाद वे ऐसे मुख्यमंत्रीबने, जो लगातार सीएम की कुर्सी पर काबिज हुआ हो।
-आज दंगाविरोधी कानून और इस्लाम विरोधी अपनी नीतियों के कारण वे पूरे देश के नंबर वन मुख्यमंत्री माने जाते हैं।
-भूमाफिया और समाजविरोधी तत्वों के अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने के लिए मशहूर योगी आज बुलडोजर बाबा के नाम से जाने जाते हैं।
-अपनी इस्लाम विरोधी छवि के विपरीत उनका मानना है कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मूल मंत्र “सबका साथ सबका विकास” पर अमल कर रहे हैं।
गिरीराज सिंह
बिहार में प्रस्तावित जातीय जनगणना को लेकर केंद्रीय मंत्री और भाजपा के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने 2 जून को कहा कि इससे बांग्लादेशियों और रोहिंग्या मुसलमानों को बाहर रखा जाना चाहिए। उनकी राय है कि तुष्टिकरण की राजनीति के कारण उन्हें दूसरी पार्टियां देश का नागरिक मानने की भूल करती हैं।
-उन्होंने कहा कि देश में एक मजबूत धर्मांतरण कानून जरुरी है और अल्पसंख्यक शब्द को समाप्त करने तथा ज्ञानवापी जैसे विदेशी आक्रमणकारियों के उत्पीड़न की निशानियों को भी मिटाने की जरुरत है।
-बिहार के बेगूसराय लोकसभा के सांसद गिरिराज सिंह फायर ब्रांड नेता माने जाते हैं। कई बार अपने बेबाक बयानों को लेकर चर्चा और विवादों में रहने वाले सिंह अवैध घुसपैठियों को जनगणना से दूर रखने की वकालत करते हैं।
-तीन तलाक, बुर्का, हिजाब और अन्य तरह के मुसलामनों की प्रथा और नियमों का वे खुलकर विरोध करते हैं।
-हाल ही में गिरिराज सिंह ने देश में मुसलमानों की बढ़ती आबादी को लेकर अपना बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि देश की असली समस्या मुसलमानों की बढ़ती आबादी नहीं है, बल्कि उसके साथ शरजील इमाम और मुर्तजा जैसे कट्टरपंथी लोग हैं।
-उन्होंने कहा कि देश के लिए खतरा वे कट्टरपंथी ताकते हैं, जो नागरिकता कानून, हिजाब, भारत के टुकडे-टुकड़े करने और देश मे शरिया कानून लागू करने के लिए आंदोलन करती रहती हैं। वे ऐसे लोगों को देश के लिए खतरे की घंटी बताते हैं।
डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा
कभी कांग्रेस के बड़े नेता रहे हिमंत बिस्वा सरमा अब भारतीय जनता पार्टी के फायर ब्रांड नेता हैं। राहुल गांधी से मिलते समय उनका कुत्ता प्रेम देखकर पार्टी छोड़ने का निर्णय लेने वाले डॉ सरमा अब असम के मुख्यमंत्री हैं। इसके साथ ही वे हिंदुत्व के प्रखर प्रवक्ता और भाजपा के स्टार प्रचारक हैं। चुनाव के समय वे पार्टी के लिए बिहार, तेलंगाना सहित अधिकांश राज्यों में प्रचार करने जाते हैं।
-डॉ सरमा की सफलता पर राजनीतिक विश्लेषक अजित दत्ता ने एक पुस्तक हिमंत बिस्वा सरमाः फ्रॉम ब्याय वंडर टु सीएम लिखी है।
-1980 में अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा की गई यह भविष्यवाणी सच साबित हो रही है कि यह बालक बहुत दूर तक जाएगा।
-उनकी योग्यता को देखते हुए उन्हें नॉर्थ ईस्ट डेवलपमेंट अथारिटी यानी नेडा का चेयरमैन बनाया गया है।
-प्रदेश में मदरसों पर रोक लगाने के साथ ही घुसपैठियों को लेकर कड़ा रूख अपनाने वाले सरमा आज पूर्व के राज्यों में भाजपा के भाग्यविधाता हैं।
-14 फरवरी को पुलवामा आतंकी हमले की बरसी पर सर्जिकल स्ट्राइक पर जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सबूत मांगा था, तब सरमा ने उन्हें करारा जवाब दिया था। उन्होंने कहा था कि क्या कभी राहुल से राजीव गांधी का बेटा होने का सबूत मांगा गया। कांग्रेस और गांधी परिवार के प्रबल विरोधी सरमा भविष्य में और निखरेंगे।
संगीत सोम
संगीत सोम भले ही 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सरधना सीट से हैट्रिक नहीं लगा पाए, लेकिन उनकी दबंगई और हिंदुत्व को लेकर बेबाक बातें उन्हें आज भी भाजपा के फायर ब्रांड नेता के रूप में स्थापित हैं।
-वोटों के ध्रुवीकरण के कारण वे सरधना से तीसरी बार चुनाव नहीं जीत पाए और सपा उम्मीदवार अतुल प्रधान ने उनके विजय रथ को रोक दिया।
-मुसलमानों और इस्लाम धर्म को लेकर हमेशा आग उगलने वाले संगीत सोम का नाम भाजपा के फायर ब्रांड नेता के रूप में लिया जाता है।
-10 मई 2022 को उन्होंने कहा कि 1992 में बाबरी ढांचा और अब हम 2022 में ज्ञानवापी को ध्वस्त करेंगे।
-उन्होंने कहा कि बनारस में भगवान काशीनाथ का मंदिर बनाया जाएगा। ज्ञानवापी को ध्वस्त कर वहां बाबा भोलेनाथ का मंदिर बनाया जाएगा। रामलला वर्षो तक तिरपाल के नीचे रहे, अब भव्य भवन में रहेंगे।
कपिल मिश्रा
भाजपा के युवा नेता और पूर्व विधायक कपिल मिश्रा पार्टी के फायर ब्रांड नेता माने जाते हैं। वे आम आदमी पार्टी के चार बार विधायक रहे मोहन सिंह बिष्ट को हराकर दिल्ली की करावल नगर से विधायक बने थे। मिश्रा 2019 से भाजपा में हैं और इस वर्ष उन्होंने लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए प्रचार किया। कपिल मिश्रा हिंदुत्व के प्रखर प्रवक्ता हैं और भाजपा के फायर ब्रांड नेता के रूप में उनकी पहचान है।
-चाहे दिल्ली दंगा हो या शाहीनबग मामला, हर मुद्दे पर डंके की चोट पर बोलने वाले कपिल मिश्रा ने हाल ही में एक विवादास्पद बयान दिया था।
-मध्य प्रदेश के धार की भोजशाला में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि अयोध्या और काशी तो सिर्फ झलक थी, अभी भोजशाला बाकी है।
-परमार वंश के राजा भोज द्वारा बनाए गए सरस्वती मंदिर को भोजशाला कहा जाता है। कहा जाता है कि बाद में इसे मुस्लिम शासकों ने मस्जिद में बदल दिया था। इस कारण यह विवादित स्थल बन गया। अब यहां हिंदू समुदाय के लोग मंगलवार और बसंत पंचमी पर पूजा-अर्चना करते हैं, जबकि मुस्लिम लोग शुक्रवार को नमाज अदा करते हैं।
-कपिल मिश्रा ने कहा कि जब यहां मां सरस्वती हैं, यज्ञ कुंड है तो फिर नमाज अदा करने का क्या मतलब है? उन्होंने कहा कि ओवैसी हों या दिग्विजय सिंह, ये सब केवल एक समुदाय विशेष के वोट से अपनी राजनीति की दुकान चलाते हैं।
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