जानिये, 2022-23 के चुनाव में भाजपा की क्या हैं चुनौतियां?

हिमाचल प्रदेश और गुजरात में भाजपा की टक्कर कांग्रेस और तेजी से उभरती अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी से होगी।

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देश के दो प्रदेशों गुजरात और हिमाचल प्रदेश में 2022 में चुनाव होने हैं। इनमें से हिमाचल प्रदेश में चुनाव की घोषणा कर दी गई है। हिमाचल प्रदेश में बहुप्रतिक्षित चुनाव की तारीख की घोषणा कर दी गई है। मुख्य चुनाव आयोग राजीव कुमार ने 14 अक्टूबर को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में इसकी घोषणा की। अपनी घोषणा में मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि 12 नवबंर को प्रदेश में मतदान कराया जाएगा। मतों की गिनती 8 दिसंबर को होगी। हालांकि गुजरात में चुनाव की तिथि की घोषणा अभी नहीं की गई है।

68 सीटों वाली विधानसभा चुनाव की अधिसूचना 17 अक्टूबर को जारी की जाएगी। 25 अक्टूबर को नामांकन किया जा सकेगा और 27 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। 29 अक्टूबर तक उम्मीदवार अपने नाम वापस ले सकेंगे और 12 नवंबर को मतदान होगा। मतों की गिनती 8 दिसंबर को होगी।

इन पार्टियों से निपटना रहेगी चुनौती

हिमाचल प्रदेश और गुजरात में भाजपा की टक्कर कांग्रेस और तेजी से उभरती अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी से होगी। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों के पास इन दोनों राज्यों में खोने के लिए कुछ भी नहीं है। अगर इनकी जीत नहीं भी होती है तो इससे इन पार्टियों को बहुत बड़ा फर्क नहीं पड़ेगा। इसका कारण यह है कि हर प्रदेश में कमजोर हो रही कांग्रेस से लोगों को ज्यादा उम्मीदें भी नहीं हैं। आम आदमी पार्टी के पंजाब में सत्ता स्थापित करने के बाद हौसले बुलंद हैं। वह पूरे दमखम से इन दोनों प्रदेशों में चुनावी समर में उतरने को तैयार है। इसके बावजूद अगर उसे हार मिलती है तो भी उसे कोई बड़ा नुकसान नहीं होगा।

भाजपा के लिए सम्मान की बात
भाजपा के लिए इन दोनों प्रदेशों में बहुमत प्राप्त करना उसकी नाक का सवाल है। इसका कारण यह है कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश दोनों ही राज्यों में उसकी सरकार है। इस लिहाज से उसके सामने चुनौती अन्य पार्टियों से बड़ी है। हालांकि वर्तमान स्थिति को देखते हुए लगता नहीं है कि इन प्रदेशों में भाजपा सत्ता स्थापित करने में कामयाब नहीं होगी, लेकिन ये भी सच है कि भाजपा या किसी भी पार्टी के लिए अति आत्मविश्वास आत्मघाती साबित हो सकता है। भाजपा के अनुभवी नेता इस बात को समझ सकते हैं।

2023 में नौ राज्यों में चुनाव
2022 के ये चुनाव 2023 में होने वाले देश के नौ प्रदेशों के चुनाव के ट्रेलर साबित होंगे। इन चुनावों के परिणाम किसी भी पार्टी के भविष्य की दिशा और दशा तय करने में मददगार साबित हो सकते हैं। 2023 में राजस्थान, मध्य प्रदेश, चत्तीसगढ़, कर्नाटक, तेलंगाना, त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने हैं।

राजस्थान में बड़ी चुनौती
राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है। इन दोनों राज्यों में कांग्रेस को धूल चटाना भाजपा की लिए टेढ़ी खीर है। इसका कारण ये है कि इन दोनों प्रदेशों में कांग्रेस की स्थिति मजबूत दिख रही है, जबकि भाजपा के पास मुख्यमंत्री के रूप में कोई मजबूत चेहरा नजर नहीं आ रहा है। राजस्थान में जादूगर नाम से मशहूर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चौंकाने वाला परिणाम देने में माहिर हैं, तो छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की भी जनता में अच्छी छवि है। हालांकि वर्तमान राजनीतिक माहौल का राजस्थान में लाभ मिल सकता है, लेकिन देखना ये होगा कि 2023 तक यहां की राजनीतिक स्थिति कैसी रहती है।

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