किसान आंदोलन में फूट? निहंग ले सकते हैं ऐसा निर्णय

कुंडली बॉर्डर पर एक युवक की बर्रबरता पूर्ण हत्या के बाद आंदोलनकारी किसानों ने इनसे किनारा कर लिया है। इस कारण अब कई निहंग आंदोलन में शामिल नहीं रहना चाहते।

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केंद्र के कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर पिछले करीब 11 महीनों से कुछ किसान संगठनों का आंदोलन जारी है। लेकिन अब बड़ी खबर आ रही है। किसानों के आंदोलन में फूट पड़ती नजर आ रही है। आंदोलन में शामिल निहंगों ने महापंचायत बुलाई है। मिली जानकारी के अनुसार यह महापंचायत 27 अक्टूबर को बुलाई गई है।

कुंडली बॉर्डर पर एक युवक की बर्रबरता पूर्ण हत्या के बाद आंदोलनकारी किसानों ने इनसे किनारा कर लिया है। इस कारण अब कई निहंग आंदोलन में शामिल नहीं रहना चाहते। महापंचायत में बहुमत से वे इस बारे में फैसला करेंगे।

जनमत के आधार पर निर्णय
27 अक्टूबर को बुलाई गई महापंचायत का उन्होंने धार्मिक एकता नाम दिया है। इस बैठक में जनमत संग्रह के आधार पर किसानों के आंदोलन में रहने या नहीं रहने के बारे में फैसला लिया जाएगा। इसके साथ ही युवक की हत्या को लेकर की जा रही पुलिस कार्रवाई पर भी चर्चा की जाएगी।

महापंचायत में ये होंगे शामिल
निहंग बाबा राजा राम सिंह ने कहा है कि वे कुंडली बॉर्डर पर किसानों की सुरक्षा के लिए तैनात हैं। हमेशा से वे प्रदर्शन और आंदोलन के समय किसानों और सिखों की सुरक्षा करते आए हैं। 27 अक्टूबर को होने वाली महापंचायत में सिख कौम के बुद्धिजीवी के आलावा संगत भी शामिल होगी। यहां निहंग समाज जो भी फैसला लेगा, उसे पूरी संगत मानेगी।
बाबा राजा राम सिंह ने कहा कि हम भागने वालों में से नहीं हैं, हमने जो भी किया, उसे खुलेआम स्वीकार करते हैं। न्यायालय में हमारे साथी ने स्वीकार किया है कि हमने युवक की हत्या की। हमने खुद ही पुलिस के सामने सरेंडर किया है।

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 योगेंद्र यादव की आलोचना
बाबा ने एसकेएम नेता योगेंद्र यादव को आरएसएस और भाजपा का बंदा बताकर उनकी आलोचना की। उन्होंने कहा कि उसमें हिम्मत है तो उनके सामने आकर उनके सवालों के जवाब दें। संयुक्त किसान मोर्चा ने बिना पूरा मामला जाने खुद को निहंगों से ऐसे अलग कर लिया, मानों निहंग अपराधी हों। हम अपने धर्म की बेअदबी बर्दाश्त नहीं करेंगे।

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