“युद्ध अभी जारी है, न डालें हथियार”! जानें, पीएम के संबोधन की खास बातें

पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि देश में 100 करोड़ टीकाकरण महज आंकड़ा नहीं है, बल्कि हमारी क्षमता का प्रतीक है।

96

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 अक्टूबर को देश को संबोधित किया। इस संबोधन में उन्होंने त्योहारों के दौरान लोगों से सतर्क रहने की अपील की। पीएम ने कहा कि पूरे देश मे जश्न और उत्साह का माहौल है और हम जल्दी ही कोरोना से जीतेंगे, लेकिन जब तक यह युद्ध जारी है, तब तक हमें हथियार नहीं डालने हैं। हमें अब भी लापरवाह नहीं होना है। कवच कुंडल कितना भी मजबूत क्यों न हो, लेकिन जब तक युद्ध चल रहा है, हथियार नहीं डालने हैं। हमें अपने त्योहारों को पूरी सावधानी से मनाना है।

पीएम ने कहा कि देश में 100 करोड़ टीकाकरण महज आंकड़ा नहीं है, बल्कि हमारी क्षमता का प्रतीक है। देश बड़े लक्ष्य तय करना और उन्हें हासिल करना जानता है। लेकिन, इसके लिए हमें सतत सावधान रहने की जरूरत है। हमें लापरवाह नहीं होना है।

ये भी पढ़ेंः कैप्टन की तैयारी, कांग्रेस की मगजमारी

संबोधन की खास बातें

  • मैं आपसे फिर ये कहूंगा कि हमें हर छोटी से छोटी चीज, जो मेड इन इंडिया हो, जिसे बनाने में किसी भारतवासी का पसीना बहा हो, उसे खरीदने पर जोर देना चाहिए। और ये सबके प्रयास से ही संभव होगा।
  • जैसे स्वच्छ भारत अभियान, एक जनआंदोलन है, वैसे ही भारत में बनी चीज खरीदना, भारतीयों द्वारा बनाई चीज खरीदना, वोकल फॉर लोकल होना ये हमें व्यवहार में लाना ही होगा।
  • एक्सपर्ट्स और देश-विदेश की अनेक एजेंसीज भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर बहुत सकारात्मक हैं। आज भारतीय कंपनियों में ना सिर्फ रिकॉर्ड इनवेस्टमेंट आ रहा है बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी बन रहे है।
  • भारत का पूरा वैक्सीनेशन प्रोग्राम विज्ञान की कोख में जन्मा है, वैज्ञानिक आधारों पर पनपा है और वैज्ञानिक तरीकों से चारों दिशाओं में पहुंचा है। हम सभी के लिए गर्व करने की बात है कि भारत का पूरा वैक्सीनेशन प्रोग्राम, साइंस बोर्न, साइंस ड्राइवेन और साइंस बैस्ड है।
  • कोरोना महामारी की शुरुआत में ये भी आशंकाएं व्यक्त की जा रही थीं कि भारत जैसे लोकतंत्र में इस महामारी से लड़ना बहुत मुश्किल होगा। भारत के लिए, भारत के लोगों के लिए ये भी कहा जा रहा था कि इतना संयम, इतना अनुशासन, यहां कैसे चलेगा? लेकिन हमारे लिए लोकतन्त्र का मतलब है-‘सबका साथ’। सबको साथ लेकर देश ने ‘सबको वैक्सीन-मुफ्त वैक्सीन’ का अभियान शुरू किया।
  • गरीब-अमीर, गांव-शहर, दूर-सुदूर, देश का एक ही मंत्र रहा कि अगर बीमारी भेदभाव नहीं नहीं करती, तो वैक्सीन में भी भेदभाव नहीं हो सकता। इसलिए ये सुनिश्चित किया गया कि वैक्सीनेशन अभियान पर वीआईपी कल्चर हावी न हो।
  • जब 100 साल की सबसे बड़ी महामारी आई, तो भारत पर सवाल उठने लगे। क्या भारत इस वैश्विक महामारी से लड़ पाएगा? भारत दूसरे देशों से इतनी वैक्सीन खरीदने का पैसा कहां से लाएगा? भारत को वैक्सीन कब मिलेगी? भारत के लोगों को वैक्सीन मिलेगी भी या नहीं। क्या भारत इतने लोगों को टीका लगा पाएगा कि महामारी को फैलने से रोक सके?भांति-भांति के सवाल थे, लेकिन आज ये 100 करोड़ वैक्सीन डोज, हर सवाल का जवाब दे रही है।
  • 21 अक्टूबर को भारत ने 1 बिलियन, 100 करोड़ वैक्सीन डोज का कठिन लेकिन असाधारण लक्ष्य प्राप्त किया है। इस उपलब्धि के पीछे 130 करोड़ देशवासियों की कर्तव्यशक्ति लगी है, इसलिए ये सफलता भारत की सफलता है, हर देशवासी की सफलता है।

Join Our WhatsApp Community

Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.