पेट्रोल-डीजल की कीमत कम करने को लेकर खुली विपक्षी पार्टियों की पोल! इन राज्यों ने नहीं घटाए वैट

हमेशा ईंधन की कीमतों में वृद्धि को लेकर केंद्र सराकर पर निशाना साधने वाली विपक्षी पार्टियां खुद लोगों को राहत पहुंचाने के लिए कोई कदम उठाने को तैयार नहीं हैं।

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पेट्रोल और डीजल की कीमतों को लेकर विपक्षी दलों की दोहरी नीति की कलई खुल गई है। हमेशा ईंधन की कीमतों में वृद्धि को लेकर केंद्र सराकर पर निशाना साधने वाली विपक्षी पार्टियां खुद लोगों को राहत पहुंचाने के लिए कोई कदम उठाने को तैयार नहीं हैं। हालांकि भाजा और एनडीए शासित राज्यों की सरकारों ने केंद्र सरकार के उत्पाद शुल्क कम करने के बाद अपनी तरफ से पेट्रोल-डीजल पर से वैट कम कर लोगों को राहत देनी शुरू कर दी है।

बता दें कि केंद्र से पेट्रोल पर से 10 रुपए और डीजल पर से 5 रुपए उत्पाद शुल्क 4 अक्टूबर से कम कर दिवाली का तोहफा दिया है। इसके साथ ही भाजपा और एनडीए की सरकारों वाले राज्यों ने भी वैट कम कर दिए हैं। इस वजह से उन प्रदेशों में पेट्रोल डीजल की कीमतें कम हो गई हैं।

किरण रिजिजु ने साधा निशाना
इस बारे में केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजु ने इंस्टाग्राम पर विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधा है। उन्होंने उन देशों को चिह्नित करने वाला देश का एक नक्शा पोस्ट किया है, जिसमें स्थानीय शुल्क में कोई कटौती नहीं की है।

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22 प्रदेशों में मिली राहत
फिलहाल 6 नवंबर तक 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वैट कम कर लोगों को राहत पहुंचाने की दिशा में कदम उठाया गया है, जबकि 14 राज्यों ने अभी तक इस मामले में मौन धारण कर खा है। ये वे राज्य हैं, जहां गैर भाजपाई पार्टियों की सरकार है।

इन राज्यों ने नहीं घटाए वैट
केरल और आंध्र प्रदेश ने स्पष्ट कर दिया है कि उनका स्थानीय करों में कटौती का कोई इरादा नहीं है। इसके साथ ही महाराष्ट्र, दिल्ली, बंगाल, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल, मेघायलय, अंडमान निकोबार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और राजस्थान सरकार ने भी स्थानीय शुल्क में कोई कटौती नहीं की है।

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