आम आदमी को आसानी से उपचार उपलब्ध हो, इसके लिए केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने मोहल्ला क्लीनिक शुरू किया है। दिसंबर 2020 तक दिल्ली में इसकी संख्या लगभग पांच सौ हो थी। लोगोंं में इसकी लोकप्रियता बढ़ने से केजरीवाल सरकार काफी उत्साहित है, लेकिन अब अचानक जो खबर आई है, उससे दिल्ली वासियों के विश्वास को झटका लग सकता है।
मिली जानकारी के अनुसार यहां के क्लीनिक में तीन बच्चों की मौत हो गई है, जबकि 13 की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
ये है कारण
बताया जा रहा है कि बच्चों की मौत और तबीयत खराब होने का कारण प्रतिबंधित दवा का इस्तेमाल किया जाना है। कथित रुप से इस प्रतिबंधित दवा का इस्तेमाल इन मोहल्ला क्लीनिकों में धड़ल्ले से किया जाता है। स्थानीय लोगों ने इस मामले को केजरीवाल सरकार और प्रशासन को गंभीरता से लेने का आग्रह किया है।
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निशाने पर केजरीवाल सरकार
इसे लेकर केजरीवाल सरकार की आलोचना की जा रही है। कहा जा रहा है कि दिल्ली तो संभल नहीं रही है, और केजरीवाल पंजाब तथा उत्तर प्रदेश में भी पांव पसारने की कोशिश कर रहे हैं। पहले दिल्ली के दो करोड़ लोगों को तो संभाल लो। उसके बाद दूसरे राज्य के लोगों को सपने दिखाना।
केजरीवाल सरकार का दावा
- दिल्ली में आम आदमी मोहल्ला क्लीनिक में हर दिन 50 हजार से अधिक मरीजों के उपचार का दावा किया जाता है।
- केजरीवाल सरकार ने दिसंबर 2020 तक 496 आम आदमी मोहल्ला क्लीनिक की स्थापना की।
- हर क्नीनिक में रोज 100 से ज्यादा मरीजों का उपचार करने का दावा किया जाता है।
- महीने में 40 से 50 लाख लोगों को उपचार करने का दावा किया जाता है।
- क्लीनिकों में बच्चों के टीकाकरण पर विशेष ध्यान देने का दावा किया जाता है।
- वर्ष 2020-21 के दौरान 9 से 11 महीने में 1.82 लाख बच्चों का पूर्ण टीकाकरण करने का दावा।