Human Space Programme: भारत का महत्वाकांक्षी मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम गगनयान(India’s ambitious human space program Gaganyaan) इस साल के अंत तक पहली उड़ान(First flight by the end of the year) भरेगा। पहली उड़ान मानवरहित(First flight unmanned) होगी। इसके बाद मानवयुक्त मिशन 2027 की शुरुआत में लॉन्च(Manned mission to launch in early 2027) किया जाएगा। पूरे मिशन पर सरकार 10 हजार करोड़ रुपये खर्च(Rs 10 thousand crores spent) करने जा रही है।
2026 होगा ऐतिहासिक
केंद्रीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं अंतरिक्ष मंत्री डॉ जितेन्द्र सिंह ने राष्ट्रीय मीडिया केंद्र में 6 मई को अंतरिक्ष क्षेत्र से जुड़े आगामी कार्यक्रम का लेखा जोखा प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2026 एक दृष्टि से ऐतिहासिक होगा। इसमें भारत अंतरिक्ष और गहरे समुद्र दोनों दिशाओं में खोज करेगा। डॉ. सिंह ने रॉकेट पहल के लिए अंतरिक्ष विभाग के नए मॉडल और पीएम गति शक्ति, स्वामित्व, स्मार्ट सिटीज और अमृत जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रमों में अंतरिक्ष और ड्रोन प्रौद्योगिकियों के बढ़ते उपयोग पर प्रकाश डाला। इन तकनीकों को रेलवे, स्वास्थ्य सेवा और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में भी एकीकृत किया जा रहा है।
यह इसरो का नहीं, राष्ट्र का कार्यक्रम
इस मौके पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन ने गगनयान मिशन को लेकर अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण और रॉकेट परीक्षण से लेकर जीवन रक्षक और रिकवरी मॉड्यूल तक की प्रणालियों में महत्वपूर्ण प्रगति का विवरण दिया। डॉ. नारायणन ने मिशन के बारे में कहा कि यह इसरो का नहीं बल्कि राष्ट्र का कार्यक्रम है।
गगनयान मिशन में जाने वाले चार अंतरिक्षयात्रियों का चयन किया जा चुका है। वे ट्रेनिंग ले रहे हैं। चुने गए अंतरिक्ष यात्री हैं- ग्रुप कैप्टन पीबी नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और ग्रुप कैप्टन एस शुक्ला।
तीन दिवसीय मानवसहित गगनयान मिशन
अंतरिक्ष यात्रियों के यात्रा के दौरान खान-पान से जुड़े प्रश्न के उत्तर में नारायणन ने कहा कि तीन दिवसीय मानवसहित गगनयान मिशन में वैज्ञानिकों द्वारा तैयार खास किस्म के चावल और मूंग की दाल के साथ फलों में आम दिए जाएंगे। इसके अलावा उन्होंने अन्य कार्यक्रमों का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि जीएलईएक्स 2025 बुधवार को यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर में आयोजित होगा। जून में बहुप्रतीक्षित निसार उपग्रह का जीएसएलवी-एफ16 पर प्रक्षेपण होगा ।
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डॉ. नारायणन ने बताया कि पिछले दस सालों में 100 मिशन लॉन्च किए गए। 131 भारतीय उपग्रह लॉन्च किए और 433 विदेशी उपग्रह छोड़ गए। यानी पिछले दस सालों में इस क्षेत्र में 81 फीसदी का इजाफा हुआ है।
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