भारतीय जनता पार्टी के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने उद्धव ठाकरे की शिवसेना पर हिंदुत्व विरोधी ताकतों की साजिश में फंसने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि हिंदुत्व विरोधी नेताओं ने उद्धव ठाकरे को शिवसेना को हिंदुत्व से दूर रखने का प्रयास शुरू कर दिया है। कम्युनिस्टों द्वारा दिया गया समर्थन इसी साजिश का एक भाग है और अब शिवसेना का भगवा रंग लाल हो गया है। शिवसेना कल ‘एमआइएम’ का समर्थन ले तो भी आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
केशव उपाध्ये ने 13 अक्टूबर को मुंबई में पत्रकारों को बताया कि मुंबई में कम्युनिस्ट नेता और पूर्व विधायक कृष्णा देसाई की नृशंस हत्या होने के बाद ही शिवसेना का विस्तार और विकास हुआ था। मुंबई में कम्युनिस्टों के प्रभाव को समाप्त करने वाली शिवसेना को अब कम्युनिस्टों का समर्थन लेने का समय आ गया है। राजनीतिक पार्टियों को चुनौती देनेवाली शिवसेना के पास हिंदुत्व के विचार की शक्ति थी। इस शक्ति को नष्ट करने का व्यापक साजिश विरोधियों ने रची है। इसी के एक भाग के तौर पर पहले उद्धव ठाकरे का बखान किया गया। फिर उन्हें समर्थन देकर हिंदुत्व से दूर किया गया।
पहले वीर सावरकर अब हिंदुत्व को भी भूल गई शिवसेना
केशव उपाध्ये ने कहा कि संभाजी बिग्रेड के साथ जाने पर उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने सावरकर पर बोलना बंद कर दिया। उपाध्ये ने कहा कि अब तो हिंदुत्व की बात न करने की शर्त पर ही कम्युनिस्टों ने समर्थन दिया है और हम जानते हैं कि शर्त मान ली गई है। उन्होंने कहा कि, मित्र कहनेवाली इन सहानुभूति दिखानेवाली पार्टियों ने ठाकरे के पंख को इतना छांट दिया है कि उनकी हिंदुत्व को ओर वापसी के सारे मार्ग बंद हो गए हैं।