सिंबल पर दावा मामलाः ठाकरे-शिंदे गुट को इस तिथि तक दस्तावेज जमा करने का आदेश

चुनाव आयोग ने 12 नवंबर को दोनों गुटों को पत्र भेजकर दस्तावेज जमा करने को कहा है।

78

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में हुए विद्रोह के बाद शिवसेना दो गुटों में बंट गई। उसके बाद चुनाव आयोग ने शिवसेना के धनुष-बाण के चुनाव चिह्न को फ्रीज कर दिया था। लेकिन शिवसेना के धनुष और तीर चिन्ह पर ठाकरे समूह और शिंदे समूह द्वारा दावा किया जा रहा है। इस दावे की पुष्टि के लिए केंद्रीय चुनाव आयोग ने अब दोनों गुटों को 23 नवंबर तक दस्तावेज जमा करने का आदेश दिया है।

चुनाव आयोग ने 12 नवंबर को दोनों गुटों को पत्र भेजकर दस्तावेज जमा करने को कहा है। साथ ही चुनाव आयोग ने दोनों गुटों को आयोग को दिए गए दस्तावेजों की अदला-बदली करने का निर्देश दिया है। चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि समूहों द्वारा 23 नवंबर तक कोई दस्तावेज जमा नहीं किया जाता है, तो यह माना जाएगा कि उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं है और सुनवाई की तारीख तय करने के लिए आगे की कार्रवाई की जाएगी।

ये भी पढ़ें – यूपी कैबिनेट में सोलर एनर्जी और टूरिज्म पॉलिसी सहित इन 24 प्रस्तावों पर लगी मुहर

ठाकरे गुट की याचिका खारिज
पार्टी के चुनाव चिन्ह और पार्टी के नाम को फ्रीज करने के चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ ठाकरे समूह द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई थी। इस याचिका को उच्च न्यायालय ने 15 नवंबर को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि कोर्ट चुनाव आयोग के फैसले में दखल नहीं दे सकता है। इसलिए चुनाव आयोग का फैसला कायम रहेगा।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.