भारत की चिंता को देखते हुए तालिबान ने कश्मीर को लेकर अपना स्टैंड स्पष्ट किया है। उसने कहा है कि कश्मीर का मुद्दा भारत और पाकिस्तान का आपसी मामला है। तालिबान उसमें कोई दखल नहीं देगा। तालिबान के इस रुख से पाकिस्तान को जोर का झटका लगना तय है।
इससे पहले तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन का यह बयान सुर्खियों में रहा था कि कश्मीरी मुसलमानों के लिए हम आवाज उठाएंगे। अब उसी प्रवक्ता ने इस तरह का बयान देकर पाकिस्तान को झटका दिया है। शाहीन ने कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। हमारा संगठन कश्मीर मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा।
बयान को गलत ढंग से पेश किया गया
उन्होंने एक भारतीय टीवी चैनल को फोन पर दिए गए इंटरव्यू में कहा कि कश्मीर और वहां के मुसलमानों को लेकर उनकी बात को जिस तरह से पेश किया गया, उससे वे हैरान हैं। सुहैल शाहीन ने अपनी बात को समझाते हुए कहा कि जिस तरह कहीं हिंदू या सिखों के खिलाफ होने वाले मानवाधिकार के हनन पर भारत अपनी बात रखता है, उसी तरह कहीं मुसलमानों के खिलाफ इस तरह की बात होने पर हम अपना नजरिया रखेंगे।
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हम मानवाधिकार के हनन पर रखेंगे अपनी राय
सुहैल ने कहा कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच का मसला है और हम चाहते हैं कि दोनों शांतिपूर्वक इसे आपस में सुलझाएं। उन्होंने कहा,’ मैंने मुसलमानों के खिलाफ कहीं मानवाधिकारों का उल्लंघन होने पर अपनी नजरिया रखने की बात कही थी। उन्होंने पता नहीं मेरी बात को कैसे पेश किया, मैं भी हैरान रह गया।’ उन्होंने कहा कि हम जो कहते हैं, वही करते हैं, हमारा संगठन किसी दूसरे देश के मामले में दखल नहीं देगा। हम मानवाधिकार के हनन पर अपनी राय रखेंगे।
चीन को लेकर स्पष्ट किया रुख
चीन के बारे में पूछे जाने पर सुहैल ने कहा कि चीन हमारा पड़ोसी देश है। एक पड़ोसी देश के तौर पर वह चाहता है कि अफगानिस्तान का पुनर्निमाण हो। हम अपनी कूटनीतिक बैठकों में उससे सभी मुद्दों पर बात करेंगे।