अब कपिल कुमार ने पूछा क्या ये गांधी और नेहरू का अंग्रेजों से समझौता नहीं?

स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक द्वारा आयोजित वीर सावरकर कालापानी मुक्ति शताब्दी व्याख्यानमाला में प्रो.कपिल कुमार ने संबोधित किया। उन्होंने गांधी जी और नेहरू के विषय में स्पष्ट रूप से कहा कि टेेबल पर बैठकर इन लोगों ने भारत की क्रांतिकारी स्पिरिट को खत्म कर दिया। जितनी क्रांतिकारी स्पिरिट सन 1946 में भारत के अंदर थी उनती कभी नहीं थी।

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जो लोग देश में वीर सावरकर के माफीनामे की बात करते हैं वो एक परिवार के दास हैं। उन्होंने इतिहास का अध्ययन नहीं किया है लेकिन एक परिवार को खुश रखना है इसलिए इस मुद्दे को उठाते हैं। यदि वीर सावरकर के उस पत्र को माफीनामा मानते हैं तो मैं प्रश्न पूछता हूं कि क्या जेल जाना, जेल से बाहर आना द्रोह है? कांग्रेस के किस नेता को अंग्रेजों ने पीड़ा दी, यातना दी गई, कोल्हू जुतवाया गया।

प्रोफेसर कपिल कुमार, कांग्रेस और आज के उन लोगों को फटकारते हुए कहते हैं कि किसी आंदोलन को करना और उसमें की गई मांग की पूर्ति हुए बिना उसे समाप्त करना अंग्रेजों के साथ समझौता नहीं हुआ? वे कहते हैं, एक के बाद एक समझौता करते हैं ये अंग्रेजों से, और सावरकर पर आरोप लगाते हैं कि सावरकर ने समझौता कर लिया चिट्ठी लिखकर। तो कांग्रेस बताए ऐसा कौन सा आंदोलन था जिसमें गांधी ने समझौता नहीं किया?

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  • भारत छोड़ो आंदोलन किया और जनता को अंग्रेजी सेना के आगे पिटने को छोड़ दिया। जबकि उस समय देश में सबसे अधिक सैनिक थे। इन्हें महलों में रखा गया। गांधी को पुना के अगाखान पैलेस में रखा गया, नेहरू को अमहदनगर के किले में रखा और जयप्रकाश नारायण को भेज दिया गया लाहौर की जेल में, जहां 21 रात तक उन्हें जगाकर रखा गया। मुझे एक कांग्रेसी नेता बता दीजिये जिसे ऐसी यातना अंगेज्रों ने दी हो। क्या ये समझौता नहीं था?
  • 1921 के आंदोलन में क्या गांधी ने समझौता नहीं किया था चौरीचौरा को बहाना बनाकर?
  • 1930-31 का नमक आंदोलन चलाया गया। गांधी जब इरविन से समझौता करते हैं तो उस समझौते में दिखा दीजिये कि नमक पर लगनेवाले कर का कहीं उल्लेख भी रहा हो। क्या ये समझौता नहीं था?
  • भागत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के लिए इरविन पर दबाव डालकर फांसी से न बचाना क्या समझौता नहीं है?
  • बार-बार काऊंसिल का चुनाव लड़ना और प्रवेश करना क्या वो समझौता नहीं था ब्रिटिश साम्राज्यवाद से?
  • विश्व युद्ध छिड़ने के बाद जब सभी कह रहे हैं कि आंदोलन छेड़ो, ऐसे कहनेवालों में बोस थे, सावरकर थे, फॉरवर्ड ब्लॉक और सोशलिस्ट पार्टी थी। उस समय अंग्रेजों को छोड़ देना और अंग्रेजों का युद्ध में सहायता करना क्या समझौता नहीं था?
  • माउंटबेटन को हिंदुस्थान का वॉइसरॉय बनाना अंग्रेजों से समझौता नहीं था?
  • 21 या 22 जून 1947 में गांधी जी का भाषण है, कलेक्टेड वर्क्स में संग्रहित हैं। उसमें गांधी जी बताते हैं कि, लोग पूछ रहे हैं कि अब स्वतंत्रता मिल रही है तो क्या नेतृत्व बदलेगा? फिर वे आगे कहते हैं, ‘We need a Cambridge educated hero boy to deal with the English’ ये उस व्यक्ति का कहना था जो स्वदेशी की बात करता था, खद्दर की बात करता था और स्थानीय नेतृत्व की बात करता था। क्या ये समझौता नहीं था?
  • देश का बंटवारा, पाकिस्तान का गठन क्या समझौता नहीं था?
  • गांधी जी आपने तो कहा था कि बंटवारे के लिए मेरे शव से गुजरना होगा, आप क्यों मान लिये आप बंटवारे की बात?
  • जिंदगी भर जो कांग्रेस के लिए लड़े बादशाह गफ्फार खान को गिद्धों के हवाले कर देना समझौता नहीं था?
  • क्या ननकाना साहब जैसी जगह को, जो सीमा से कुछ दूरी पर थी उसे पाकिस्तान को दिलवा देना सिखों के विरुद्ध समझौता नहीं था?
  • चिटगोंग के ऊपर का चकमा का क्षेत्र पाकिस्तान में चला जाना समझौता नहीं था?
  • रेड क्लिफ कहता है मैं देना तो लाहौर हिंदुस्थान को चाहता था लेकिन ये दे देता तो पाकिस्तान में कोई शहर नहीं बचता रहने के लिए इसलिए पाकिस्तान को दे दिया। क्या उस रेड क्लिफ का छह महीने में चले जाना लाइन खींच करके इस देश से समझौता नहीं था?
  • 1947 के बाद जब कश्मीर में सेना कह रही है कि हमे पाकिस्तानियों को बाहर निकाल लेने दो उसके बाद मे युद्ध विराम करना। क्या नेहरू जी का उस समय युद्ध विराम करना समझौता नहीं था। पाक ऑक्यूपाइड कश्मीर बनवा दिया आज तक हम भूगत रहे हैं?

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ये है चाल
अहमदनगर के किले में जाइये लगभग 22 या 27 कांग्रेसी नेता बंद थे। सभी कमरों के बाहर पर्ची लगी हुई है। एक कमरे में सीतारमैया था, इसमें मौलाना आाजद थे, इसमें सरदार पटेल ते और एक कमरा है वहां पर। उसमें लिखा है जवाहरलाल नेहरू, उस कमरे में झांकिये, उस कमरे में नेहरू जी की अचकन भी टंगी हुई है। डिस्कवरी ऑफ इंडिया भी रखी हुई है, उनकी कम रखी हुई है। उनकी बहुत बड़ी फोटो लगी हुआ उनका बिस्तर भी बिछा हुआ है। कांग्रेसी नेता को छोड़िये किसी कांग्रेसी नेता को भी आगे नहीं आने देना चाहते परिवार के अलावा। क्या यही इतिहास है?

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और ऊधम सिंह के ऐसा लिख दिया
1942 का आंदोलन इनकी एक तरकीब थी कि हमें डोमिनियन स्टेटस मिल जाए। इनकी सोच थी कि शायद अंग्रेज डर जाएं और हमें डोमिनियन स्टेटस दे दें। वो चली नहीं इनकी, बाहर आने के बाद भर्त्सना की, ये वो लोग हैं जिन्होंने ऊधम सिंह के विषय में अपने रिजोल्यूशन के अंदर ये लिख दिया कि ये तो पागल आदमी का काम है।

डायर को माफी का अधिकार किसने दिया?
जनरल डायर तक को गांधी जी ने माफ कर दिया। दोनों डायर को गांधी जी ने माफ कर दिया था। भारत की जनता कभी जनरल डायर को माफ करेगी? किसने गांधी को अधिकारी दिया कि डायर को माफ कर दें। क्या उतने लोगों की शहादत को कभी भूलेंगे। ये जनता की बात करते हैं। असल में इनके परिवारों से कोई शहीद नहीं हुआ। इनके परिवार के किसी सदस्य को पकड़कर यातनाएं दी गई होती को पता चलता आजादी की लड़ाई क्या होती है।

क्या किसी देश को आजादी लेने के लिए तैयारी करनी होती है
जब पूर्ण स्वतंत्रता की बात आई और नेताजी सुभाष चंद्र बोस आगे बढ़ते हैं तो गांधी जी कहते हैं अभी भारत पूर्ण स्वतंत्रता लेने में सक्षम नहीं है। क्या किसी देश को आजादी लेने के लिए तैयारी करनी होती है। क्या किसी देश को आजादी लेने के लिए तैयारी करनी होती है। 1947 में क्या देश तैयार था, 47 में देश में सांप्रदायिक दंगों की आग लगी हो तो उसमें पाकिस्तान की मांग हो रही हो, उस समय भारत तैयार था आजादी लेने के लिए। इसलिए इन्होंने उस समय भी डोमिनियन स्टेटस मांगा

पंडित माउंट बेटन के नारे लगवाए
उस व्यक्ति को भारत का गवर्नर जनरल बनाना जिसके देश ने भारत पर अत्याचार किये हों, जिसके देश ने भारतियों पर अत्याचार किये हों, उसे रातों रात आपने पंडित माउंट बेटन बना दिया। इसके नारे लगवाए 15 अगस्त को, पंडित माउंट बेटन जिंदाबाद। टेबल पर बैठकर इन्हें समझौता किया। आजाद हिंद के मुकदमे जब चल रहे थे तो पूरा देश एक साथ खड़ा हुआ था। अंग्रेजों ने जानबूझकर उसमें एक हिंदू, एक सिख और मुस्लिम को डाला था, सहगल, ढिल्लों और शाहनवाज को। देखिये इस देश मे कितनी एकता है।

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