साहस दिन: दक्षिण मुंबई में बनाएंगे स्वातंत्र्यवीर सावरकर का म्यूजियम – विधान सभा अध्यक्ष

स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक स्वतंत्रता संग्राम के स्वर्णिम इतिहास को सजो रहा है। क्रांति प्रणेता स्वातंत्र्यवीर सावरकर का जीवन सशस्त्र क्रांति और सामाजिक क्रांति का दर्शन है। जिसका विस्तार विश्व भर में है। नासिक के भगूर से शुरू हुआ क्रांतिकार्य इंग्लैंड के भारत भवन और फ्रांस के मार्सेलिस, अंदमान जेल और रत्नागिरी जैसे स्थानों पर चला। मार्सेलिस में स्वातंत्र्यवीर सावरकर की समुद्र में ऐतिहासिक छलांग को साहस दिन के रूप में मनाया जाता है।

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स्वातंत्र्यवीर सावरकर के 112वें साहस दिवस पर उनके एक तैलचित्र का अनावरण स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक में विधान सभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के हाथों संपन्न हुआ। इस अवसर पर वीर सावरकर के कार्यों का स्मरण करते हुए विधान सभा अध्यक्ष ने वचन दिया कि, वे दक्षिण मुंबई में स्वातंत्र्यवीर सावरकर का एक म्यूजियम स्थापित करने को लेकर प्रयत्न करेंगे।

विधान सभा अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करने के बाद अपने सार्वजनिक कार्यक्रमों की शुरुआत राहुल नार्वेकर ने स्वातंत्र्यवीर सावरकर के साहस दिवस कार्यक्रम से की। उन्होंने, कहा कि पिछले दस दिनों से मेरे जीवन में कई योगायोग घट रहे हैं। इसमें यह भी एक योगायोग है।

स्वातंत्र्यवीर सावरकर के राष्ट्र कार्यों के विभिन्न पहलू हैं, जिसकी लोगों को कल्पना ही नहीं है। मुझे दुख है कि, स्वातंत्र्यवीर सावरकर का इतिहास लोगों को बताने में हम कम पड़ रहे हैं। इसके लिए मैं यहां एक घोषणा करना चाहता हूं कि, दक्षिण मुंबई में स्वातंत्र्यवीर सावरकर का एक संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव किसी विधायक ने प्रस्तुत किया तो ठीक, अन्यथा विधान सभा अध्यक्ष के नाते मैं विधान सभा में प्रस्तुत करुंगा।

वीर सावरकर द्वारा लाए गए संसदीय शब्दों पर सूचना पत्र
साहस दिवस पर स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्याध्यक्ष रणजीत सावरकर ने अपने संबोधन में वीर सावरकर के जीवन को उल्लेखित किया। इसमें वीर सावरकर द्वारा उल्लेखित संसदीय शब्दों को रणजीत सावरकर ने बताया। वीर सावरकर कभी संसदीय जीवन में नहीं आ पाए। परंतु, वीर सावरकर द्वारा जिन संसदीय शब्दों को लाया गया है उसके विषय में एक सूचना पत्र विधान सभा में प्रस्तुत किया जाए, इससे लोगों को जानकारी प्राप्त होगी।

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मार्सेलिस में स्मारक बनाने की पहल हो
रणजीत सावरकर ने विधान सभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के समक्ष एक और मांग रखी। जिसके लिए स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक लंबे काल से प्रयत्नशील रहा है। उन्होंने कहा कि, स्वातंत्र्यवीर सावरकर ने 8 जुलाई, 1910 में फ्रांस के मार्सेलिस के समुद्र में छलांग लगाई थी। उसे साहस दिन कहा जाता है। अब 112 वर्ष उस ऐतिहासिक घटना को हो चुके हैं। हम लंबे काल से मांग करते रहे हैं, कि मार्सेलिस में स्वातंत्र्यवीर सावरकर का एक स्मारक बने, जिसका खर्च स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक वहन करेगा। इसमें व्यवधान यह है कि, इस संबंध में प्रस्ताव भारत सरकार की ओर से फ्रांस सरकार को जाना चाहिए। इसके पश्चात ही फ्रांस सरकार अनुमति देगी।

स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक में आयोजित साहस दिवस कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि महाराष्ट्र विधान सभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर थे तथा स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक की ओर से कार्याध्यक्ष रणजीत सावरकर, कोषाध्यक्ष मंजिरी मराठे, कार्यवाह राजेंद्र वराडकर और सहकार्यवाह स्वप्निल सावरकर व स्मारक के अन्य सदस्यों समेत बड़ी संख्या में गणमान्य उपस्थिति थे।

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