तो गली-गली से निकालेंगे सावरकर साहित्य यात्रा… 94वें अखिल भारतीय मराठी सम्मेलन पर विरोध का साया

स्वातंत्र्यवीर सावरकर की जन्मस्थली और क्रांति कार्यों की कर्मभूमि रही है नासिक। यहां पर इस वर्ष 94वां अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन होने जा रहा है।

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94वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के गीत में स्वातंत्र्यवीर सावरकर का उल्लेख न किये जाने से आक्रोषित वीर सावरकर अनुयायियों ने विरोध शुरू कर दिया है। इसमें आगामी दिनों में तीव्रता आएगी। इसके लिए बड़े स्तर पर पोस्टकार्ड के माध्यम से निषेध पत्र भेजे जाएंगे।

मृत्युंजय प्रतिष्ठान, दौंड के सचिव विकास देशपांडे ने अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन में स्वातंत्र्यवीर सावरकर को उचित सम्मान न दिये जाने के मुद्दे पर तीव्र रोष व्यक्त किया है। उन्होंने स्वातंत्र्यवीर सावरकर की जन्मस्थली में आयोजित कार्यक्रम में ऐसी चूक को अस्वीकार करते हुए विरोध की बात की है।

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विकास देशपांडे ने बताया कि, संपूर्ण देश से वीर सावरकर के अनुयायी अब पोस्टकार्ड के माध्यम से एक विरोध पत्र अखिल भारतीय मराठी साहित्य परिषद को लिखने की योजना में हैं। इसका कारण है कि वीर सावरकर की जन्मस्थली नासिक में 94वां अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन होने जा रहा है, लेकिन इसके गीत में वीर सावरकर का स्पष्ट उल्लेख तक नहीं है।

वीर सावरकर पर आस्था रखनेवाले यहीं नहीं रुकनेवाले, इसके बाद 3 दिसंबर 2021 को जब 94वां अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन शुरू होगा उसी समय पूरे नासिक से स्वातंत्र्यवीर सावरकर रचित ग्रथों की एक यात्रा निकाली जाएगी। यह यात्रा अलग-अलग स्थानों से आकर मराठी साहित्य सम्मेलन के स्थान पर समाप्त होगी।

शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन

स्वातंत्र्यवीर सावरकर की जन्मस्थली है नासिक जिले का भगूर। यहां के लोगों ने गुरुवार को अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के गीत में स्वातंत्र्यवीर का उल्लेख न होने से आक्रोषित होकर विरोध प्रदर्शन किया है। यह विरोध प्रदर्शन आगामी दिनों में पूरे नासिक जिले में होने लगे तो आश्चर्य नहीं होगा।

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