भूल या मानसिकता की मलिनता? एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के आजादी के अमृत महोत्सव प्रदर्शनी में नहीं हैं स्वातंत्र्यवीर सावरकर

स्वातंत्र्यवीर सावरकर की 139 जयंती है। इस अवसर पर भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा क्रांतिकारियों के जीवन दर्शन पर एक प्रदर्शनी छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लगाई गई है।

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स्वातंत्र्यवीर सावरकर का जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित रहा। वे महाराष्ट्र में जन्मे और मुंबई से उनका अटूट संबंध रहा। परंतु, भारतीय जनता पार्टी प्रशासित भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को यह भूल गया है या वर्षों से वामपंथी विचारों के कारण उसकी स्मरण मलिन हो गई है। मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर प्राधिकरण द्वारा लगाई गई आजादी के अमृत महोत्सव प्रदर्शनी में स्वातंत्र्यवीर सावरकर के चित्रों या जीवन दर्शन को सम्मिलित नहीं किया गया है।

इस संबंध में अब शहर के जागरुक नागरिकों ने पत्राचार भी शुरू कर दिया है। जिसमें एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण) का ध्यान इस भूल की ओर लक्ष्यित किया गया है। आजादी के अमृत महोत्सव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संकल्पना के अनुसार वर्ष भर सरकारी विभागों द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। जिसमें से एक कार्यक्रम मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लगाई गई क्रांतिकारियों की प्रदर्शनी है।

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प्रदर्शनी में किसे मिला स्थान
मुंबई हवाई अड्डे पर लगी प्रदर्शनी में उन क्रांतिकारियों को सम्मिलित किया गया है, जो मुंबई से संबंधित रहे हैं और उनकी जयंती या पुण्यतिथि मई माह मेंं है। ऐसे क्रांति पुरोधाओं को Unsung Heroes के रूप में चित्र प्रदर्शनी में स्थान दिया गया है। इस प्रदर्शनी को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के तत्वावधान में लगाया गया है। क्रांतिज्योति स्वातंत्र्यवीर सावरकर का जन्म 28 मई, 1883 में नासिक के भगूर में हुआ था। उनके कारागृह से मुक्त जीवन का काल मुंबई में व्यतीत हुआ था। परंतु, भारत के सरकारी विभागों को इसका ध्यान ही नहीं रहता है या फिर वामपंथी विचारों का झंझावात इन्हें अभी भी घेरे हुए है, यह समझना आवश्यक है।

नागरिकों ने किया नींद से जगाने का प्रयत्न
स्वातंत्र्यवीर सावरकर का जीवन दर्शन मुंबई स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की प्रदर्शनी में सम्मिलित न किये जाने की भूल की ओर नागरिकों ने लिखना शुरू कर दिया है। जागरुक नागरिकों ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, हवाई अ़ड्डों के कार्यों की ठेकेदार कंपनी अदानी समेत सभी वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखा है।

हुनर हाट में मंत्री ने मानी गलती
बांद्रा में हुई हुनर हाट प्रदर्शनी में भी आजादी के अमृत महोत्सव पर स्वतंत्रता सेनानियों से जुड़े चित्रों की प्रदर्शनी लगाई गई थी। जिसमें स्वातंत्र्यवीर सावरकर का उल्लेख नहीं था। इसको लेकर बात दिल्ली तक पहुंची तो, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने उस गलती की जांच कराने की बात कही थी।

इन क्रांतिकारियों का समावेश
छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लगी प्रदर्शनी में 1857 के प्रथम मुक्ति संग्राम के योद्धाओं को सम्मिलित किया गया है। जिसमें पुरुषोत्तम काको़डकर, प्रीतिलता वड्डेदार, अल्लुरी सीताराम राजू, दुर्गाबाई देशमुख, करतार सिंह का नाम है।

स्वातंत्र्यवीर सावरकर का समावेश आवश्य
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को समझना चाहिये कि, दोहरे कालापानी की सजा पानेवाले स्वातंत्र्यवीर सावरकर पहले क्रांतिकारी थे, जिन्होंने 1857 के युद्ध को भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम घोषित किया और उसे अपनी लेखनी के माध्यम से विश्व को अवगत कराया। इसके अलावा स्वातंत्र्यवीर सावरकर का मुंबई और महाराष्ट्र से अटूट संबंध रहा है।

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