ट्रैक्टर रैली पर सर्वोच्च फैसला!

सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि यह मामला कानून-व्यवस्था से जुड़ा हुआ है। इसके बारे में दिल्ली पुलिस फैसला करेगी।

98

कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर 26 जनवरी, गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली निकालने की जिद पर अड़े किसानों को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने 18 जनवरी को सुनाई की। इस दौरान न्यायालय ने कहा कि यह पुलिस को तय करना है कि दिल्ली में कौन आए और कौन नहीं। अब इस मामले में अगली सुनवाई 20 जनवरी को फिर होगी।

दिल्ली पुलिस करे फैसला
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि यह मामला कानून-व्यवस्था से जुड़ा हुआ है। इसके बारे में दिल्ली पुलिस फैसला करेगी। इस मामले से निपटने के लिए सारे अधिकार उसके पास हैं। दिल्ली में किसे प्रवेश देना चाहिए या नहीं, इस बारे में फैसला करने का पहला अधिकार पुलिस के पास है। हम उसे ये नहीं बताएंगे कि क्या करना है।

ये भी पढ़ेंः कृषि कानूनों पर ‘शाह’ ने क्या कहा?… जानिये

याचिका में रैली रोकने की मांग
सर्वोच्च न्यायालय ने 18 जनवरी को केंद्र सरकार की याचिका पर सुनवाई की। यह याचिका दिल्ली पुलिस के जरिए दायर की गई है। याचिका के जरिए 26 जनवरी, गणतंत्र दिवस के मौके पर आयोजित होनेवाले समारोह में व्यवधान डालनेवाली किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली या इस तरह के अन्य प्रदर्शन को रोकने के लिए न्यायालय से आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है।

मई 2024 तक आंदोलन करने के लिए तैयार किसान
दूसरी ओर कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लोकर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने कहा कि वे गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में अपनी प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली निकालने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने नागपुर में कहा है कि केंद्र के कृषि कानूनाों के विरोध में किसान मई 2024 तक आंदोलन करने के लिए तैयार हैं।

कृषि कानूनो को वापस लेने को तैयार नहीं है सरकार
 केंद्र सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच 19 जनवरी को फिर वार्ता होनी है। इस बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि किसान काननूो को रद्द् करने की बजाय विकल्पों पर विचार करें।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.