महानगरपालिका चुनावः महाराष्ट्र सरकार को जोर का झटका, सर्वोच्च न्यायालय ने दिया ये आदेश

सर्वोच्च न्यायालय ने 3 मार्च को महाराष्ट्र पंचायत चुनाव में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण से इनकार कर दिया था।

78

स्थानीय निकाय चुनाव मामले में महाराष्ट्र सरकार को झटका लगा है। सर्वोच्च न्यायालय ने बीएमसी और दूसरे निकायों के लंबित चुनावों की तारीख दो हफ्ते में घोषित करने को कहा है। राज्य सरकार ने ओबीसी आरक्षण को मंजूरी मिलने के बाद ही चुनाव की बात कही थी। न्यायालय ने कहा कि इस आदेश की वैधानिकता पर बाद में सुनवाई होगी।

सर्वोच्च न्यायालय ने 3 मार्च को महाराष्ट्र पंचायत चुनाव में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण से इनकार कर दिया था। जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली बेंच ने महाराष्ट्र सरकार और राज्य चुनाव आयोग से कहा था कि वह महाराष्ट्र पिछड़ा वर्ग आयोग की अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर कोई कदम न उठाए।

न्यायालय ने कहा था कि पिछड़ा वर्ग को लेकर रिपोर्ट बिना उचित अध्ययन के तैयार की गई है। 19 जनवरी को कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया था कि वो ओबीसी से संबंधित आंकड़े राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के समक्ष पेश करे, ताकि वो स्थानीय निकायों के चुनावों में उनके प्रतिनिधित्व पर सिफारिशें कर सकें।

पहले की सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार ने कहा था कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने अपनी जो अंतरिम रिपोर्ट सौंपी है, उसके अनुसार स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 प्रतिशत तक आरक्षण दिया जा सकता है। हालांकि इसमें यह शर्त है कि आरक्षण का कुल कोटा 50 प्रतिशत की सीमा से अधिक नहीं होगा। राज्य सरकार ने कहा था कि अंतरिम रिपोर्ट को देखते हुए भविष्य के चुनाव में ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत करने की अनुमति मिलनी चाहिए।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.