Water dispute: हरियाणा में कांग्रेस आई भाजपा के साथ, जानिये क्या कहा

पंजाब और हरियाणा में पानी विवाद गहराता जा रहा है। पंजाब की मान सरकार सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को भी मानने को तैयार नहीं है।

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Water dispute:पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा(Former Chief Minister Bhupinder Singh Hooda) ने कहा है कि पंजाब सरकार(Punjab Government) द्वारा हरियाणा का पानी रोका(Haryana’s water stopped) जाना, असंवैधानिक(Unconstitutional) ही नहीं, बल्कि अनैतिक और अमानवीय(Immoral and inhuman) भी है। पंजाब सरकार के पास हरियाणा के पानी को रोकने का कोई अधिकार नहीं है। ऐसा करना संघीय ढांचे पर चोट(Injury to the federal structure) पहुंचाना है। हरियाणा कोई भीख नहीं मांग रहा है बल्कि यह प्रदेश के हिस्से का पानी है, जिसकी मात्रा दोनों प्रदेशों के बीच बाकायदा समझौते(Formal agreement between the two states) के तहत तय हुई थी।

विशेष सत्र बुलाने की मांग
2 मई को पूर्व सीएम हुड्डा अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जल बंटवारे के मुद्दे पर प्रदेश सरकार को सर्वदलीय बैठक के बाद विधानसभा का विशेष सत्र भी बुलाना चाहिए। हरियाणा को जल संकट से बचाने के लिए पंजाब सरकार पर दबाव बनाया जाना चाहिए। लेकिन अबतक हरियाणा के हिस्से का पानी लेने में बीजेपी सरकार पूरी तरह विफल साबित हुई है। बीजेपी सरकार के नकारापन की वजह से प्रदेश के लोगों को जल संकट का सामना करना पड़ सकता है। कांग्रेस द्वारा बार-बार सचेत किए जाने के बावजूद प्रदेश सरकार ने जल बंटवारे के मुद्दे पर कभी ध्यान नहीं दिया। इस मुद्दे को कांग्रेस ने विधानसभा में भी उठाया था। बावजूद इसके बीजेपी सरकार सोई रही।

हरियाणा सरकार की पैरवी करने वाला कोई नहीं
आज तमाम बड़े पदों पर बीबीएमबी में पंजाब के अधिकारी बैठे हैं और हरियाणा सरकार की पैरवी करने वाला कोई नहीं है। इसी का नतीजा अब प्रदेश भुगत रहा है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस कार्यकाल के दौरान प्रदेश को अपने हिस्सा का पूरा पानी मिलता था। क्योंकि भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड में कांग्रेस हरियाणा की पूरी भागीदारी सुनिश्चित करती थी। इसमें हरियाणा से तीन-तीन सदस्य होते थे। विशेष तौर पर सिंचाई विभाग के अधिकारी को बीबीएमबी का सदस्य नियुक्त किया जाता था। कांग्रेस सरकार द्वारा बोर्ड में लगातार एसडीओ और जूनियर इंजीनियर्स की नियुक्तियां की जाती थीं। बोर्ड में कायदे से सुपेरटेंडेंट इंजीनियर हरियाणा से होना चाहिए। लेकिन बीजेपी सरकार के दौरान उसकी नियुक्ति ही नहीं की गई। जब हरियाणा के लोग ही बोर्ड में नहीं होंगे तो हमारे अधिकार की बात कौन करेगा। हुड्डा ने कहा कि बीजेपी ने सत्ता में आने के बाद से ही हरियाणा के हितों की पैरवी मुखरता से नहीं की।

बीजेपी ने साध रखी है चुप्पी
सुप्रीम कोर्ट द्वारा एसवाईएल पर हरियाणा के पक्ष में फैसला सुनाए जाने के बावजूद आज तक सरकार पानी नहीं ले पाई। प्रदेश और केंद्र दोनों जगह तीसरे टर्म से बीजेपी की सरकार होते हुए भी एसवाईएल पर बीजेपी ने चुप्पी साधे रखी। एसवाईएल से लेकर दादूपुर नलवी जैसी परियोजना को बीजेपी कार्यकाल के दौरान मिट्टी से आट दिया गया। मंडियों में जलभराव पर बोलते हुए हुड्डा ने कहा कि एक बार फिर सरकारी लापरवाही के चलते किसान का गेहूं बारिश की भेंट चढ़ गया। उठान नहीं होने के चलते बड़ी मात्रा में गेहूं अभी भी मंडियों में पड़ा हुआ है।

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आतंकवाद पर मोदी सरकार के साथ कांग्रेस
पहलगाम हमले को लेकर हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस ने आतंकवाद पर कार्रवाई के लिए सरकार को पूर्ण समर्थन का ऐलान किया है। साथ मांग रखी है कि सुरक्षा में चूक की जांच हो, ताकि भविष्य में ऐसे हमलों को रोका जा सके। इस अवसर पर विधायक डॉ रघुबीर सिंह काद्यान, पूर्व सांसद शादी लाल बत्तरा, पूर्व विधायक आंनद सिंह दांगी मौजूद रहें।

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