विधानसभा चुनावः 5 राज्य, 25 मुद्दे!

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देश के पांच राज्यों में चुनावी सरगर्मियां चरम पर है। इसके लिए सभी पार्टियां जहां चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक रही हैं,वहीं वे अलग-अलग वर्ग के मतदाताओं को रिझाने के लिए कई तरह के मुद्दे भी उठा रही हैं। आइए जानते हैं, इन राज्यों में कौन-सी पार्टी किन मुद्दों को भुनाने की कोशिश में जुटी है।

पश्चिम बंगाल में चुनावी मुद्दे

1-बंगाल में जय श्रीराम का नारा बड़ा चुनावी मुद्दा बन गया है। ममता बनर्जी की नजर में जय श्रीराम भारतीय जनता पार्टी का सियासी नारा है। वहीं भाजपा इस मुद्दे पर हिंदू मतदाताओं को एकजुट करने की कोशिश में जुटी है।

2-बंगाल की सियासत में मुसलामनों को लेकर खींचतान जारी है। उन्हें लुभाने के लिए भाजपा को छोड़कर सभा पार्टियां प्रयासरत हैं।

3-केंद्र के कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर पिछले करीब साढ़े तीन महीनों से आंदेलन कर रहे किसानों को ममता बनर्जी ने अपना समर्थन दिया है।

4-बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा बंगाल में नया नहीं है, लेकिन एक बार फिर यह मुद्दा बना हुआ है।

5-10 साल पहले तक इस मुद्दे पर आंसू बहानेवाली ममता बनर्जी अब घुसपैठियों को संरक्षण देने की बातें कर रही हैं।

6-दूसरी ओर भाजपा ने अपना स्टैंड स्पष्ट करते हुए कहा है कि अगर वह सत्ता में आएगी तो घुसपैठियों को बाहर जाना ही पड़ेगा।

7-नागरिकता संशोधन कानून( सीएए) के खिलाफ ममता बनर्जी समेत सभी विपक्षी पार्टियों ने जमकर बवाल काटा है

8- भारतीय जनता पार्टी सीएए को हर हाल में लागू करने के पक्ष में है।

9-बंगाल में आए दिन राजनैतिक हिंसा होते रहती है।

10-भारतीय जनता पार्टी ने हिंसा को बड़ा मुद्दा बनाया है। भाजपा का दावा है कि राजनैतिक हिंसा में उसके 100 से ज्यादा नेता-कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई है।

11-पेट्रोल-डीजल और एलपीजी के दामों में वृद्धि को ममता बनर्जी ने बड़ा मुद्दा बनाने का ऐलान किया है।

12-ममता बनर्जी ने बाहरी बनाम भीतरी का भी नारा दिया है। उनकी नजर में भाजाप बाहरी पार्टी  है और उसके नेता बाहरी  हैं। उन्होंने कहा है कि गुजरात से आकर कोई बंगाल में जीत नहीं सकता।

13-बंगाल में इस बार महापुरुषों का भी मुद्दा बड़ा है।

14-भाजपा ने आरोप लगाया है कि बंगाल में महापुरुषों की लिगेसी को ममता सरकार बचाने में असफल रही है।

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असम में महत्वपूर्ण मुद्दे

15-असम में कांग्रेस ने उन मुद्दों को आधार बनाकर भाजपा को घेरना शुरू किया है, जो उसने अपने पिछले घोषणा पत्र में जारी किए थे।

16-इसके तहत बेरोजगारी, राज्य में औद्योगिक विकास, असम की चहुंमुखी विकास और चाय बगान में काम करनेवाले लोगों की मजदूरी शामिल हैं।

17-शिवसागर रैली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था क अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो मजदूरों के वेतन को 187 से बढ़ाकर 365 रुपए प्रतिदिन कर देगी।

18-विपक्षी पार्टियां जहां नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रही हैं, वहीं भारतीय जनता पार्टी इसे लागू करने की बात कर रही है। असम विधानसभा चुनाव में ये सबसे बड़ा मुद्दा है।

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केरल में मुख्य चुनावी मुद्दे

19-केरल में सबरीमाला और राजनैतिक हिंसा का मुद्दा हावी है।भारतीय जनता पार्टी इस मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ जाकर लोगों के बीच अपनी पैठ मजबूती से जमाने की कोशिश कर रही है।

20-बीफ बैन और संदिग्ध बीफ ग्राहकों के साथ हुई मारपीट भी चुनावी मुद्दा बन गया है।

तमिलनाडु में मुख्य चुनावी मुद्दे

21-तमिलनाडु में मुसलमान हमेशा से डीएमके के साथ रहे हैं। इनकी वजह से 10 सीटों पर असर पड़ता है। दूसरी ओर भाजपा हिंदू मतदाताओं के ध्रुवीकरण पर जोर दे रही है।

22-तमिलनाडु में श्रीलंकाई तमिलों का भी मुद्दा अहम है। भाजपा इस मुद्दे पर तमिल शरणार्थियों के साथ है।

23-डीएमके पर परिवारवाद का आरोप लगता रहा है। भाजपा इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश कर रही है।

पुडुचेरी में मुख्य चुनावी मुद्दे

24-पुडुचेरी में भाजपा जहां द्विभाषीय व्ववस्था के तहत हिंदी को प्राथमिकता देने का मुद्दा बना रही है, वहीं कांग्रेस इसका विरोध कर रही है।

25-कांग्रेस सरकार पुडुचेरी की तत्कालीन उपराज्यपाल किरण बेदी को लेकर नारायणसामी सरकार चुनावी मुद्दा बनाना चाहती थी, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही वहां से हटाकर कांग्रेस को मुद्दाविहीन करने की कोशिश की है।

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