पश्चिम बंगाल में छठे चरण का मतदान जारी है। पिछले पांच चरणों की तरह इस चरण में भी यहां भारी मतदान होने की संभावना है। सुबह से ही मतदान केंद्रों पर लोगों की लंबी-लंबी लगीं कतारों से यह अंदाजा लगाया जा सकता है। ज्यादातर मतदान केंद्रों पर कोरोना संक्रमण के बावजूद मतदाताओं की भीड़ देखी जा रही है।
Polling underway in Chopra, North Dinajpur during the sixth phase of West Bengal Assembly elections pic.twitter.com/7ji6tHFwVk
— ANI (@ANI) April 22, 2021
बता दें कि अभी तक के चरणों में हुए मतदान का प्रतिशत 80 से ज्यादा रहा है। इस बीच इस चरण के मतदान से एक दिन पहले यानी 21 अप्रैल को हिंसा भी हुई थी। उत्तर 24 परगाना के इलाके में बम विस्फोट होने की घटना घटी थी। इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। यह जिला उन चार जिलों में शामिल है, जहां छठे चरण में मतदान कराए जा रहे हैं।
भाजपा उम्मीदवार का आरोप
खरदाह विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार शीलभद्र दत्त ने भी आरोप लगाया है कि 21 अप्रैल को उनके निर्वाचन क्षेत्र में कल्याणी एक्सप्रेसवे पर उनकी कार पर हमला किया गया। अपने आरोप में उन्होंने कहा,”हम एक चाय की दुकान पर थे, जब मेरी कार पर बम फेंका गया था। हमले के पीछे तृणमूल कांग्रेस है।’
WB: BJP candidate from Khardaha Assembly constituency, Shilbhadra Dutt says his car was attacked on Kalyani Expressway in the constituency today
"We were at a tea stall when a bomb was hurled at my car. Trinamool Congress is behind the attack. We'll complain to EC," he adds pic.twitter.com/WmiAKoPnwG
— ANI (@ANI) April 21, 2021
19 अप्रैल को थम गया चुनाव प्रचार का शोर
प्रदेश के छठे चरण के मतदान से 72 घंटे पहले 19 अप्रैल को चुनाव प्रचार का शोर थम गया था। राज्य में अब तक पांच चरणों में मतदान हो चुके हैं, जबकि तीन चरण में अभी होने बाकी हैं। छठे चरण का मतदान 22 अप्रैल को कराया जा रहा है।
चार जिलों की 43 सीटों पर मतदान
छठे चरण में चार जिलों की 43 सीटों पर मतदान कराए जा रहे हैं। इसके साथ ही अभी तक कुल 114 सीटों पर मतदान होना बाकी है। इससे पहले के पांच चरणों में कुल 180 सीटों पर मतदान हो चुके हैं और उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला ईवीएम में बंद हो चुका है।
इन सीटों पर मतदान
छठे चरण के मतदान में प्रदेश के परगना जिले की 17, नदिया की 9, पूर्वी बर्दवान की 8 और उत्तर दिनाजपुर की 9 सीटें शामिल हैं। इस चरण में चार जिलों में मतदान हो रहे हैं। उनमें तीन जिले उत्तर दिनाजपुर, नदिया और उत्तर परगना बांग्लादेश की सीमा से लगे हुए हैं।
13 सीट संवेदनशील
इन जिलों के 13 सीटों पर मतदान के दौरान गड़बड़ी होने की काफी संभावना है। मुस्लिम बहुल इन सीटों पर मतदान कराने के लिए चुनाव आयोग ने तगड़ी तैयारी की है। उसने इस चरण में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए कोई भी कसर नहीं छोड़ी है। इसके लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की 932 कंपनियों को तैनात किया गया है।
पांच मंत्रियों की किस्मत का होगा फैसला
बता दें कि इस चरण में कई महारथियों की किस्मत का फैसला होना है। इनमें पांच मंत्री भी शामिल हैं। इनमें ग्वालापोखर से मोहम्मद गुलाम रब्बानी, कृष्णानगर दक्षिण से उज्ज्वल विश्वास, हाबड़ा से ज्योतिप्रिय मल्लिक, दमदम उत्तर से चंद्रिम भट्टाचार्य और पूर्वस्थली दक्षिण से स्वपन देवनाथ शामिल हैं। इनके साथ ही तृणमूल कांग्रेस के प्रमुख उम्मीदवारों में कृष्णनगर उत्तर से अभिनेत्री कौशानी मुखर्जी, नौहाटी से पार्थ भौमिक, बैरकपुर से राज चक्रवर्ती शामिल हैं।
मैदान में भाजपा के कई दिग्गज
इस चरण में हो रहे मतदान में भारतीय जनता पार्टी के भी कई महारथी मैदान में हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण सीट कृष्णनगर उत्तर को माना जा रहा है। इस सीट पर भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल राय अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इनके साथ ही बीजपुर से शुभ्रांशु राय, भाटपाड़ा से पवन सिहं, जगदल से अरिंदम भट्टाचार्य, नोआपाड़ा से सुनील सिंह, खड़दा से शीलभद्र दत्ता की किस्मत भी इस चरण के मतदान में ईवीएम में बंद हो जाएगी।
छठे चरण की खास बातें
मतदान का दिनः 22 अप्रैल
कुल सीटः 43
कुल उम्मीदवारः 306
कुल मतदान केंद्रः 10897
पांच चरणों में हुई बंपर वोटिंग
इस बीच चुनाव आयोग ने पांच चरणों में हुए मतदान के आंकड़े जारी किए हैं। इन सभी चरणों में बड़े पैमाने पर मतदान हुए हैं। 17 अप्रैल को पांचवें चरण में कराए गए मतदान में 43 विधानसभा सीटों पर औसतन 82.49 प्रतिशत वोटिंग हुई है। इससे पहले के चार चरण में हुए मतदान में भी मतों का प्रतिशत 80 प्रतिशत के आसपास रहा है।
कोरोना के तांडव के बीच चुनाव
इस बीच पश्चिम बंगाल में कोरोना का तांडव तेज हो गया है। इसका असर सभी पार्टियों के चुनाव प्रचार पर देखा जा रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जहां चुनाव प्रचार न करने की घोषणा की है, वहीं प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कोई बड़ी रैली न करने की घोषणा की है। भाजपा की ओर से भी घोषणा की गई है कि वह 500 से ज्यादा लोगों की रैली या सभा नहीं करेगी। इस बार भारतीय जनता पार्टी और टीएमसी में कांटे की टक्कर है।