महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के अंतर्गत पनपे तीव्र असंतोष के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील, पुलिस महानिदेशक रजनीश सेठ और सभी आयुक्तों को पत्र लिखा है। इसमें शिवसेना के असंतुष्ट 38 विधायकों के परिवारजनों की सुरक्षा हटाए जाने का उल्लेख है। इस पत्र के माध्यम से यह कहा गया है कि, यदि सुरक्षा हटाने के पश्चात विधायकों के परिवार को कुछ भी होता है तो उसकी संपूर्ण जिम्मेदारी मुख्यमंत्री, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, आदित्य ठाकरे और संजय राऊत की होगी।
एकनाथ शिंदे के साथ 38 विधायकों का संख्याबल
शिंदे ने जो पत्र लिखा है, उसमें उनके साथ 38 शिवसेना विधायकों के हस्ताक्षर हैं। जो गुवाहाटी के होटल में हैं। उन सभी ने पत्र को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील, पुलिस महानिदेशक रजनीश सेठ और सभी संबंधित पुलिस आयुक्त और एसपी को लिखा है। जिसमें परिवारजनों की सुरक्षा हटाएजाने और मिल रही धमकियों व हमलों का उल्लेख है।
पत्र के मुद्दे इस प्रकार हैं
1. हस्ताक्षर करनेवाले हम सभी शिवसेना विधायक दल के सदस्य हैं, जो संबंधित विधान सभा से वर्ष 2019 में चुनकर आए हैं।
2. हम वर्तमान विधायक हैं, परंतु जो सुरक्षा हमें और हमारे परिवारजनों को प्रोटोकॉल के अतंर्गत दी गई है, उसे बदला लेने की मंशा से कानूनों के विपरीत और अवैध रूप से कदम उठाते हुए हटा लिया गया है। यह ताकत दिखाने का कार्य महाविकास आघाड़ी, एनसीपी व कांग्रेस के गुंडों की मांग मानने के लिए हम पर दबाव बनाने के लिए किया जा रहा है।
3. हमें सुरक्षा देने का कारण हमारा राजनीतिक पक्ष नहीं बल्कि खतरा है। परंतु, जिस सुरक्षा खतरे को लेकर हमने महाराष्ट्र छोड़ा है, वह खतरा हमें महाविकास आघाड़ी के नेताओं के कार्यकलापों के कारण अब भी घेरे हुए है।
4. हम संज्ञान में लाना चाहते हैं कि, सुरक्षा हटाकर हमारे परिवार और संबंधियों की सुरक्षा से ही समझौता नहीं किया गया बल्कि, महाविकास आघाड़ी सरकार अपने कार्यकर्ताओं को भड़का रही है कि, हमारे विरुद्ध वे हिंसात्मक हों। यह 23.06.2022 के मीडिया रिपोर्ट में प्रसारित भी हुआ है, जिसमें संजय राऊत याचिकाकर्ता को धमकी दे रहे हैं। इसमें वे कह रहे हैं कि वे बाहर गए हुए विधायकों के लिए महाराष्ट्र में वापस आने पर मुश्किल खड़ी कर देंगे। इसमें संजय राऊत का एक साक्षात्कार है जिसकी लिंक इस प्रकार है…
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5. इन बयानों का प्रभाव यह हुआ कि, सुरक्षा हटाने के कुछ घंटों में ही हमारे दो सदस्यों के कार्यालय शिवसेना कैडरों ने तोड़ दिये।
6. यहां इसका उल्लेख करना उचित होगा कि, पंजाब में ऐसी ही परिस्थिति निर्मित हो गई थी, जहां हाई प्रोफाइल लोगों की सुरक्षा सरकार ने हटा दी थी। जिसके कारण कई हाई प्रोफाइल लोग गैंगस्टर और गुंडों के निशाने पर आ गए। विधायकों की सुरक्षा हटाने का यही परिणाम महाराष्ट्र में भी हो सकता है।
7. हम यह मांग करते हैं कि, प्रोटोकॉल के अंतर्गत जो सुरक्षा हमें दी जानी चाहिए, वह तत्काल प्रदान की जाए। हम यह बताना चाहते हैं कि, यदि कोई क्षति हमारे परिवार को होती है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री, महाविकास आघाड़ी सरकार के नेता जैसे शरद पवार, संजय राऊत और आदित्य ठाकरे की होगी।
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