शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कोरोना संक्रमण के चलते स्थापना दिवस पर दूरदृष्टि के माध्यम से शिवसैनिकों का मार्गदर्शन किया। इसमें उन्होंने स्वबल के मुद्दे पर सत्ता के सहयोगी दल को आड़े हाथों लिया।
शिवसेना का 55वां स्थापना दिवस बहुत ही शांति ढंग से कोरोना संक्रमण के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए मनाया गया। शिवसेना कार्याध्यक्ष उद्धव ठाकरे से आशा थी कि शिवसैनिकों को संबोधित करते हुए वे विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी पर करारा प्रहार करेंगे। परंतु, मुख्यमंत्री ने सीधे कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले और मुंबई अध्यक्ष भाई जगताप की ही खबर ले ली।
तो जूते से मारेंगे लोग
शिवसेना कार्याध्यक्ष ने कहा कि, कोरोना के कारण अनेक लोगों की नौकरी चली गई है। रोजगार का क्या होगा? कोविड के बाद के काल में लोग दिक्कत में होंगे, ऐसे में हमने यदि स्वबल का नारा दिया, अकेले सत्ता लाने का नारा दिया तो लोग हमें जूते से मारेंगे।
स्वबल का अर्थ अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाना
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ दल कोरोना काल में भी स्वबल का नारा दे रहे हैं। हम भी स्वबल का नारा देंगे। स्वबल तो चाहिए ही। लेकिन स्वबल का अर्थ क्या है यह भी समझना चाहिए। स्वबल मात्र चुनाव लड़ना ही नहीं है बल्कि, अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाना भी है। मेरे लिए स्वबल का अर्थ वही है। आत्मबल और स्वबल शिवसेना ने दिया है। महाराष्ट्र में मराठी लोगों की कीमत जब कुछ नहीं थी और अपमानजनक जीवन जीने के दौरान बालासाहेब ने अग्नि प्रज्वलित की। मराठी मानुस को स्वाभिमान दिया।