महाराष्ट्र में मंत्री मांगें ‘एक बंगला न्यारा’

सत्ता बदलने के साथ ही नए मंत्रीमंडल को निवास देने का कार्य नए सिरे से शुरू हो गया है। पूर्व मंत्रियों में से कुछ एक को छोड़कर सभी ने बंगला छोड़ दिया है, जिसे अब नई सरकार के मंत्रियों को आबंटित किया जा रहा है।

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शिवसेना भारतीय जनता पार्टी की युति सरकार ने पहला कैबिनेट विस्तार कर दिया है। इसमें शपथ लेनेवाले मंत्री अब बंगले के लिए जोड़ जुगाड़ लगा रहे है। यह बंगले मंत्रालय के सामने और मलबार हिल में स्थित हैं। सभी मंत्रियों की इच्छा है कि, उन्हें एक न्यारा बंगला मिले, जो वालकेश्वर के समुद्री किनारे से लगा हो।

मुख्यमंत्री के लिए आरक्षित वर्षा बंगले में अगले कुछ दिनों में एकनाथ शिंदे चले जाएंगे। मुख्यमंत्री के निवास को लेकर ऊहापोह नहीं रहती। लेकिन उनके बाद सभी मंत्रियों को एक अच्छे बंगले की इच्छा होती है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस अपने पूर्ववर्ती सागर बंगले में ही हैं, उन्हें एक और मेघदूत बंगला भी दिया गया है। इसी प्रकार सुधीर मुनगंटीवार को पर्णकुटी बंगला मिला है। विधान सभा अध्यक्ष डॉ.राहुल नार्वेकर को रॉयल स्टोन बंगला दिया गया है। मंत्री गिरीश महाजन को सेवासदन बंगला आबंटित हुआ है।

केसरकर बने मुख्यमंत्री के पड़ोसी
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट के प्रवक्ता दीपक केसरकर सरकारी निवास के मामले में भी मुख्यमंत्री के पड़ोसी बने हैं। उन्हें शिवनेरी बंगला आबंटित किया गया है। विरोधी पक्ष नेता अजीत पवार ने अपने देवगिरी बंगले को ही रखा है।

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चर्चित रामटेक बंगला खाडे के पास
नारायण दाभोलकर रोड पर स्थित रामटेक बंगला सदा से ही चर्चा में रहा है। इस बंगले में वर्ष 1999 से 2014 तक छगन भुजबल रहे हैं। इसके बाद उन्हें कारावास झेलना पड़ा। उनके बाद इस बंगले में एकनाथ खडसे रहने आए थे, परंतु उनको भी पुणे की संपत्ति के प्रकरण में पद छोड़ना पड़ा और वे राजनीतिक हाशिये पर चले गए। वर्तमान में यह बंगला कामगार मंत्री सुरेश खाडे को दिया गया है।

बंगले से रुतबे की पहचान
मंत्रियों को दो जगह पर बंगला दिया जाता है। पहला स्थान है मलबार हिल और दूसरा स्थान है मंत्रालय के समक्ष। मलबार हिल के बंगले बड़े लॉन के साथ हैं, इनमें से कई समुद्र से सटे हैं तो कई मलबार हिल की सुंदर छटा से घिरे हैं। इसकी अपेक्षाकृत मंत्रालय के समक्ष वाले बंगले छोटे और लगातार गाड़ियों की आवाजाही के बीच रहते हैं। यदि नेताओं के अंदर होनेवाली चर्चाओं का विश्वास करें तो मलबार हिल के बंगले रुतबे का सूचक हैं, इसलिए मंत्रियों की पहली पसंद वही होते हैं।

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