देश की सबसे संपन्न और समृद्ध महानगरपालिका मुबंई के 2022 में होनेवाले चुनाव के लिए सभी पार्टियों ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। वर्तमान में बीएमसी में सत्ता संभाल रही शिवसेना ने भी इसके लिए कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर समाज के विभिन्न लोगो को रिझाने की कोशिश शुरू कर दी है। इसी कड़ी में पार्टी द्वारा गुजराती सम्मेलन का आयोजन किया गया।
कोई भी पार्टी नहीं रहना चाहती पीछे
मुंबई मनपा के चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने जहां भाई जगपात को मुंबई का अध्यक्ष बनाया है, वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने चुनाव की जिम्मेदारी सांसद सुप्रिया सुले और विधायक रोहित पवार को सौंपी है। इनके साथ ही महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना भी चुनाव को लेकर काफी सक्रिय हो गई है। लेकिन इन सबसे आगे निकलते हुए शिवसेना ने गुजराती समाज को आकर्षित करने की कोशिश शुरू कर दी है। इसी कड़ी में उसने 10 जनवरी को मुंबई में गुजराती सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मेलन में पार्टी ने ‘गुजराती अमारो’ का नारा देकर समाज के मतदाताओं को रिझाने का प्रयास शुरू कर दिय है।
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समाज पर है बीजेपी की मजबूत पकड़
बता दें कि मुंबई में बड़ी संख्या में गुजराती समाज के लोग रहते हैं। इस समाज के ज्यादातर लोग भारतीय जनता पार्टी का समर्थन करते हैं, लेकिन शिवसेना ने बीजेपी के वोट बैंक में सेंध लगाने का प्रयास शुरू कर दिया है। इसी क्रम में पार्टी की ओर से मुंबई में गुजराती समाज का सम्मेलन आयोजित किया गया।
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2017 में बीजेपी को मिली थी 82 सीटों पर जीत
2017 के मुंबई महानगरपालिका चुनाव में बीजेपी को 82 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। उस समय बीजेपी ने 30 गुजराती उम्मीदवारों को टिकट दिय था। इसका फायदा भी बीजेपी को मिला था और पहली बार पार्टी के 82 नगरसेवक चुनकर आए थे। उससे उत्साहित बीजेपी ने इस बार भी अंधेरी से दहिसर तक गुजराती मतों पर कब्जा जमाने की रणनीति बनाई है। बीजेपी की इस रणनीति को मात देने के लिए शिवसेना ने मिशन गुजराती अभियान चलाया है।