गरजे उद्धव ठाकरे! मोदी पर उठाया सवाल… ड्रग्स, अदानी, गांजा और निधि पर निकाली भड़ास

दशहरा रैली में जहां शिवसेना कार्याध्यक्ष और प्रदेश के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपनी विरासत और शिवसैनिकों की शक्ति का बखान किया, वहीं वे विपक्ष पर भी जमकर बरसे।

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शिवसेना की दशहरा रैली इस वर्ष भी कोरोना महामारी के कारण परंपरागत तरीके से मुंबई के शिवाजी पार्क में आयोजित न होकर षण्मुखानंद हॉल में आयोजित की गई। तीन हजार की दर्शकों की क्षमता वाले इस सभागृह में 50 प्रतिशत शिवसैनिकों की उपस्थिति में यह रैली संपन्न हुई। इस रैली में जहां शिवसेना कार्याध्यक्ष और प्रदेश के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपनी विरासत और शिवसैनिकों की शक्ति का बखान किया, वहीं वे विपक्ष पर भी जमकर बरसे।

उद्धव ठाकरे ने रैली को संबोधित करते हुए कहा,”हमारी आवाज कोई दबा नहीं सकता और जो हमारी आवाज दबा सके, ऐसा पैदा भी नहीं होगा।”

यह सुनहरा पल
उद्धव ठाकरे ने कहा, “सबसे पहले मैं आप सभी को विजयदशमी की शुभकामनाएं देता हूं। मुझे अच्छा लगा कि बहुत दिनों के बाद हम सब यहां जमा हुए हैं। आज का दिन हमारे जीवन का बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है। यह सुनहरा क्षण है। इस परंपरा की शुरुआत शिवसेना प्रमुख ने 1966 में की थी। मुझे गर्व है कि हम इस परंपरा को आप सभी के साथ आगे बढ़ा रहे हैं। यह दिन हम सभी को एक साथ आने का है।”

“शिवसैनिक मेरे सच्चे हथियार हैं”
शिवसेना कार्याध्यक्ष ने कहा, “आपने देखा कि शस्त्र पूजा के बाद मैंने अपने सच्चे शस्त्र आपलोगों का आशीर्वाद लिया और आप लोगों की पूजा की। आप मेरे असली हथियार हैं, जो मुझे शिवसेना प्रमुख ने दिए हैं और यह आशीर्वाद लेते हुए मेरे मन में हमेशा एक विनम्र भाव रहता है। यह प्यार है, जो मुझे हर जन्म में अपने माता-पिता और आपसे मिलना चाहिए।”

“मैं आपके घर का व्यक्ति हूं”
उद्धव ठाकरे ने कहा ,”मैं महाराष्ट्र में पैदा होना चाहता हूं और मैं यह कभी नहीं सोचता कि मैं मुख्यमंत्री हूं। मुझे अकेला छोड़ दो, लेकिन मेरे लोगों को यह मत अहसास होने दो कि मैं मुख्यमंत्री हूं। मैं आपके घर का ही कोई व्यक्ति हूं, मैं आपका भाई हूं। मुझे इस बात का अहसास होता रहे, भगवान के चरणों में यह मेरी प्रार्थना है।”

विपक्ष पर साधा निशाना
ठाकरे ने कहा, ” कुछ लोग कह रहे थे कि मैं फिर आऊंगा, वे नहीं आए, क्योंकि मैं गया नहीं। वे वहीं हैं और मैं भी वहीं हूं। हममें वही संस्कार, संस्कृति है, जो मेरे दादाजी ने मुझे सिखाया, मेरे माता-पिता ने मुझे सिखाया। पद क्या है? पद आएंगे और जाएंगे फिर वापस आएंगे। सत्ता आएगी और जाएगी। लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। हम वही रहेंगे। अहंकार को अपने दिमाग में मत आने दो। जिस क्षण अहंकार की हवा सिर पर चढ़ जाती है, उसी क्षण आप समाप्त हो जाते हो। जनता के साथ हमेशा विनम्र रहें। मैं अपना सर्वश्रेष्ठ कर रहा हूं। आपकी सेवा कर मैं धन्य हूं। आपका प्यार, आपका आशीर्वाद मेरे लिए सबसे बड़ा है। कोई इसे जबरन प्राप्त नहीं कर सकता। इसे कमाना पड़ता है। इसे अर्जित करने की हमारी परंपरा रही है। केंद्रीय एजेंसियां वर्तमान में छापा काटा का खेल खेल रही हैं, यदि यह जारी रहा तो छापा से काटा निकालना हम भी जानते हैं। लोगों का चरित्र हनन, परिवार को परेशान किया जा रहा है। यह उचित नहीं है।

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इनकी रही उपस्थिति
शिवसैनिकों के सीमीत उपस्थिति में मुंबई के षण्मुखानंद हॉल में आयोजित इस रैली में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, रश्मि ठाकरे, पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे के साथ ही शिवसेना नेता और पदाधिकारी उपस्थित थे।

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