प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 31 जुलाई देर रात 12 बजकर 38 मिनट पर तकरीबन 16 घंटे लंबी पूछताछ के बाद शिवसेना नेता संजय राऊत को गिरफ्तार कर लिया। पत्रा चॉल में 1034 करोड़ के कथित घोटाले के साथ उनके घर में मिले 11.50 लाख रुपये का हिसाब नहीं देने पर यह गिरफ्तारी की गई।
ईडी की टीम 1 अगस्त सुबह 10 बजे संजय राऊत को जेजे अस्पताल मेडिकल में ले जाने तथा उसके बाद तकरीबन 12 बजे मुंबई के विशेष कोर्ट में पेश करने की तैयारी कर रही है।
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ईडी के समन का किया था अनदेखा
जानकारी के अनुसार गोरेगांव में हुए पत्रा चॉल घोटाले में पूछताछ के लिए ईडी की टीम ने संजय राऊत को 27 जुलाई को दूसरी बार समन जारी कर बुलाया था। लेकिन संसद सत्र शुरू होने की वजह से वे अतिरिक्त समय मांग रहे थे। इसी वजह से ईडी की टीम ने 31 जुलाई की सुबह तकरीबन सात बजे संजय राऊत के भांडुप स्थित निवास पर जाकर पूछताछ शुरु की थी। इसी दौरान घर की तलाशी में ईडी की टीम ने उनके घर से 11.50 करोड़ रुपये नकद भी बरामद किया।
पहले हिरास में लिया, फिर कर लिया गिरफ्तार
भांडुप में संजय राऊत से 9 घंटे तक पूछताछ के बाद ईडी संजय राऊत को हिरासत में लेकर दक्षिण मुंबई स्थित अपने दफ्तर लाई। दफ्तर में दिल्ली से आए ईडी के संयुक्त निदेशक सत्यव्रत कुमार मौजूद थे। ईडी की टीम ने संजय राऊत से 31 जुलाई शाम साढ़े 5 बजे से देर रात 12 बजकर 30 मिनट तक लंबी पूछताछ की , इसके बाद जांच में सहयोग न करने पर 12 बजकर 38 मिनट पर गिरफ्तार कर लिया। संजय राऊत की गिरफ्तारी के मेमो पर ईडी के संयुक्त निदेशक सत्यव्रत कुमार ने हस्ताक्षर किया है। इसके बाद संजय राऊत को गिरफ्तार किए जाने की जानकारी ईडी कार्यालय के बाहर मौजूद उनके भाई सुनील राऊत को दी गई और संजय राऊत से संबंधी अन्य दस्तावेज व कपड़े आदि दिए जाने के लिए कहा।
सुनील राऊत का आरोप
सुनील राऊत ने बताया कि संजय राऊत की आवाज दबाने के लिए तथा शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को कमजोर करने के लिए संजय राऊत को भाजपा के इशारे पर गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी, बाल गंगाधर तिलक, वीर सावरकर अगर जेल जाने से डरते तो न्याय की लड़ाई नहीं लड़ सकते थे। शिवसेना इस गिरफ्तारी से डरने वाली नहीं है और लड़ाई तेज करेगी।