Sharmistha Panoli: भारत माता और हिंदू देवी-देवताओं की नग्न और विकृत तस्वीरें बनाने वाले चित्रकार एम.एफ. हुसैन के खिलाफ पूरे भारत में 1200 से ज्यादा शिकायतें दर्ज की गईं थीं। इसके बावजूद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहीं ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की आलोचना का भारतीय नागरिक के तौर पर जोरदार जवाब देने वाली शर्मिष्ठा पनोली (कोलकाता पुलिस) नामक छात्रा जेल में है। हिंदू समुदाय सवाल उठा रहा है कि एक देश में दो तरह के न्याय क्यों हैं?
क्या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सिर्फ मुसलमानों तक सीमित है? धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने पर सिर्फ हिंदुओं के खिलाफ ही कार्रवाई क्यों होती है? जब हिंदुओं की भावनाओं को एक बार नहीं बल्कि कई बार ठेस पहुंचाई जाती है तो सोशल मीडिया पर सवाल उठ रहा है कि संविधान के उन्हीं अनुच्छेदों का इस्तेमाल कर मुसलमानों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जाती।
क्या है शर्मिष्ठा पनोली केस?
शर्मिष्ठा पनोली ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद बॉलीवुड कलाकारों की चुप्पी को लेकर एक वीडियो पोस्ट किया था। इस वीडियो के वायरल होने के बाद उनकी आलोचना होने लगी। इसके बाद उन्होंने वीडियो डिलीट कर माफी मांगी। हालांकि, पुलिस में उसके खिलाफ शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस उसे तलब किया और इस मामले में उसे 14 दिनों की हिरासत में भी रखा गया।
कलकत्ता हाईकोर्ट की टिप्पणी
कलकत्ता हाईकोर्ट ने आपत्तिजनक वीडियो मामले में शर्मिष्ठा पनोली को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई में केस डायरी पेश करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा, “हमारे देश के एक वर्ग की भावनाएं आहत हुई हैं। सिर्फ इसलिए कि हमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, इसका मतलब यह नहीं है कि हम दूसरों की भावनाओं को ठेस पहुंचाएं। हमारा देश विविधतापूर्ण है। इसलिए हमें सावधान रहना चाहिए।”
एम.एफ. हुसैन पर कोई कार्रवाई नहीं
हालांकि, एम.एफ. हुसैन मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने कहा था कि हम इसे व्यक्तिगत शिकायत के तौर पर देखेंगे। ऐसा इसलिए कि लगता नहीं है कि इससे कई लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं।