पॉवर पर पवार पड़े कम!

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महाविकास आघाड़ी सरकार में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार की काफी अहमियत मानी जाती है। कहा तो यहां तक जाता है कि इस सरकार का रिमोट कंट्रोल पवार साहब के पास है। लेकिन महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का आरोप है कि अब सरकार में उनका पावर कम हो गया है और उनका सम्मान घट गया है।

क्या है मामला?
दरअस्ल लॉकडाउन के समय बिजली कंपनियों ने अपने उपभोक्ताओं को बढ़ा हुआ बिजली बिल भेजा है। उपभोक्ताओं की शिकायत है कि उन्हें तिगुना-चौगुना बिल बढ़ाकर भेजा गया है। लॉकडाउन में आर्थिक परेशानी से जूझ रहे बिजली धारकों की इस शिकायत को दूर करने के लिए मनसे ने आक्रामक रुख अख्तियार किया है। इसी सिलसिले में पार्टी प्रमुख राज ठाकरे ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी से मुलाकात की थी। कोश्यारी ने उन्हें शरद पवार से मिलने की सलाह दी थी। उनकी सलाह पर राज ठाकरे ने पवार से बात की थी। पवार ने इस बारे में निवेदन देने को कहा था। लेकिन ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत ने हाल ही में स्पष्ट किया है कि बिजली बिल को लेकर सरकार की ओर से कोई राहत नहीं दी गई है। इसके बाद मनसे नेता बाला नांदगांवकर ने कहा है कि इस प्रकरण से ऐसा लगता है कि महाविकास आघाड़ी सरकार में शरद पवार की बात की कोई कीमत नहीं है। बिजली बिल माफी को लेकर मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने मनसे नेताओं की बैठक बुलाई थी। उसी दौरान बाला नांदगांवकर ने यह बात कही।

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राज्य सरकार को मनसे का अल्टीमेटम
बाला नांदगांवकर ने कहा है कि राज्य सरकार ने इस मुद्दे पर महाराष्ट्र के साढ़े ग्यारह करोड़ लोगों के साथ अन्याय किया है। सरकार द्वारा बिजली बिल माफी को लेकर कोई भी निर्णय नहीं लिए जाने से सरकार का असली चेहरा जनता के सामने आ गया है। उन्होंने सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि सोमवार तक बिल माफ करो, नहीं तो मनसे राज्य के हर जिले में इसे लेकर आंदोलन करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बिजली बिल माफ करने का आश्वाशन दिया था, उसके बावजूद इस मामले में कुछ नहीं कर उसने जनता के साथ धोखाधड़ी की है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर मनसे तब तक शांत नहीं बैठेगी, जब तक बिजली उपभोक्ताओं को राहत नहीं मिल जाएगी।

मनसे को मिला बीजेपी का साथ
इस बीच बीजेपी ने मनसे के आंदोलन का समर्थन दिया है। पार्टी ने कहा है कि मनसे ने जिस मुद्दे को लेकर आंदोलन करने का ऐलान किया है, उस मुद्दे पर कोई भी पार्टी उसके साथ आ सकती है। कांग्रेस और एनसीपी भी उसके आंदोलन का समर्थन कर सकती है, क्योंकि उन्हें भी ज्यादा बिजली बिल भेजा गया है। हालांकि मनसे से गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर बीजेपी ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।

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