शरद पवार बोले, ‘सावरकर के लिए दिल में है सम्मान!”

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राहुल गांधी के महाराष्ट्र दौरे के 3 दिन बाद भी उन्हें कथित रूप से कोई प्रचार नहीं मिल रहा है, इसलिए आखिरकार राहुल गांधी ने स्वतंत्रता के प्रेरणास्रोत वीर सावरकर की आलोचना कर शोहरत हासिल करने की कोशिश की। इसके बाद महाराष्ट्र में हंगामा मच गया है। इससे महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी में उद्धव ठाकरे गुट के लिए बहुत परेशानी हो गई है। ठाकरे के लिए राहुल गांधी का समर्थन करना मुश्किल हो गया है, हालांकि राकांपा ने इस विवाद से दूरी बना रखी है। इस बीच शरद पवार का वीर सावरकर पर दिया गया पुराना बयान सामने आया है। शरद पवार ने कहा, ‘आपके और मेरे मन में सावरकर के प्रति निश्चित रूप से सम्मान की भावना है!’ शरद पवार जब राज्य के मुख्यमंत्री थे, तब वे स्वातंत्र्यवीर वीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उनका यह पुराना वीडियो वायरल हो रहा है।

शरद पवार ने क्या कहा?
पवार ने कहा था, “यह स्वीकार किया जाना चाहिए कि सावरकर की विचारधारा से सशस्त्र क्रांति के माध्यम से स्वतंत्रता प्राप्त की गई थी। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के बाद इस देश में स्वतन्त्रता आन्दोलन की चिंगारी भड़क उठी। कई शहीद हुए। उसी से प्रेरणा लेकर सावरकर ने 18 साल की उम्र में स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल होने के लिए एक साहसी कदम उठाया। उन्होंने मित्र मंडली की स्थापना की। उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने के बाद वहां भारत की स्वतंत्रता के लिए संगठन बनाने में उनकी भूमिका, उनकी उच्च शिक्षा के बाद भारत लौटने के बाद लगभग 50 साल की कठोर सजा काटने की पीड़ा नई पीढ़ी को प्रेरणा देती है। उन्होंने इस काम को बड़ी जिद, मेहनत और लगन से किया। इस मेहनत और त्याग की उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ी। मुंबई यूनिवर्सिटी ने उनकी पीएचडी की डिग्री वापस ले ली। बैरिस्टर बनने के बाद भी बैरिस्टर की डिग्री को लंदन यूनिवर्सिटी ने रिजेक्ट कर दिया था। ऐसी स्थिति आ गई कि उनके जीवन में दुख-दुख ही था। लेकिन उस समय भी सावरकर ने शोक को कविता देने की भूमिका निभाई। उन्होंने अपना महाकाव्य लिखा और इसे भारत के लोगों तक पहुंचाया। तो आपके और मेरे मन में सावरकर के लिए निश्चित रूप से सम्मान की भावना है।”

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