सावरकर के वह पत्र माफीनामा नहीं : सात्यकी सावरकर

91

स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के दूसरे पोते सात्यकी सावरकर ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने जो पत्र दिखाए हैं, वह असली हैं लेकिन उन्हें माफीनामा नहीं कहा जा सकता। राहुल जो कहते हैं कि वीर सावरकर ने अंग्रेजों से पेंशन ली थी, यह पूरी तरह गलत है। उन्होंने कहा कि वीर सावरकर अंग्रेजों के कोई कर्मचारी नहीं थे कि सेवा से रिटायर होने के बाद उनको पेंशन मिलेगी। मूल समस्या यह है कि राहुल गांधी पेंशन और निर्वाह भत्ता में अंतर ही नहीं समझ सके।

मीडियाकर्मियों से रूबरू सात्यकी सावरकर ने राहुल गांधी की ओर से वीर सावरकर पर लगाए गए आरोपों का तथ्यात्मक जवाब दिया। उन्होंने कहा कि जो पत्र राहुल गांधी ने मीडिया को दिखाएं हैं, वे सही हैं और वे सभी आवेदन पत्र हैं। जब वीर सावरकर अंदमान गए तब उन्हें कोई सुविधा नहीं दी गई थी। उन्हें एक कोठरी में बंद कर दिया गया था। वीर सावरकर ने उस समय अंग्रेज सरकार को आवेदन दिया कि, उन्हें एक राजनीतिक कैदी के समान सुविधाएं मिलनी चाहिए। उन्होंने समय-समय पर आवेदन किया। बाद में उन्होंने रिहाई के लिए आवेदन किया। वीर सावरकर ने यह सब सभी कैदियों के लिए किया था, चाहे वो गदर आंदोलन के हों या बंगाल आंदोलन से।

पेंशन और निर्वाह भत्ते में अंतर नहीं पता
वीर सावरकर को अंग्रेजों से पेंशन मिलने के राहुल गांधी के आरोप पर सात्यकी सावरकर ने कहा कि राहुल गांधी को पता होना चाहिए कि वीर सावरकर अंग्रेजों के नौकर अथवा कर्मचारी नहीं थे कि उन्हें अंग्रेज पेंशन देते। पेंशन आम तौर पर नौकर अथवा कर्मचारी को दी जाती है। राहुल गांधी को पेंशन और निर्वाह भत्ते के बीच का अंतर नहीं पता। पेंशन का मतलब सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाला वेतन है। सावरकर को भरण-पोषण भत्ता मिल रहा था। इसका मतलब निर्वाह भत्ता है। उन्होंने कहा कि वीर सावरकर के पास बैरिस्टर की डिग्री नहीं थी। उन्हें रत्नागिरी छोड़ने की अनुमति नहीं थी। ऐसी स्थिति में जीवित रहने के लिए व्यक्ति को क्या करना चाहिए? ऐसे कैदी की जिम्मेदारी सरकार की होती है। ब्रिटिश सरकार ने वर्ष 1928 में पारित अधिनियम के तहत 1929 में सावरकर के लिए 60 रुपये प्रति माह निर्वाह भत्ता शुरू किया था। इसे पेंशन नहीं कहा जा सकता।

ये भी पढ़ें – राहुल का झूठा राग, रणजीत सावरकर ने दिया सबूतों के साथ करारा उत्तर

राजनीति से प्रेरित बयानबाजी
सात्यकी सावरकर ने कहा कि राहुल गांधी के बयान सिर्फ राजनीति से प्रेरित हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के इस तरह के बयान से दुख तो है लेकिन दूसरी तरफ उन्हें इस बात की खुशी है कि इससे बहुत से लोगों को वीर सावरकर के बारे में जानने की उत्कंठा जगेगी और वे सभी वीर सावरकर के विचारों को और आगे ले जाने का प्रयास करेंगे।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.