जेल से रिहा होने के बाद संजय राऊत ने शिंदे-फडणवीस सरकार के कुछ निर्णयों का किया स्वागत

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे को संकट के समय तीखे बोल न बोलने की सलाह देते हुए करारा जवाब भी दिया है।

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राज्यसभा सदस्य संजय राऊत के बोल जेल से रिहा होने के बाद बदल गए हैं। 10 नवंबर को संजय राऊत ने राज्य में शिंदे-फडणवीस सरकार के कुछ निर्णयों का स्वागत किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे को संकट के समय तीखे बोल न बोलने की सलाह देते हुए करारा जवाब भी दिया है।

संजय राऊत ने कहा कि जब वे जेल में थे, तब राज ठाकरे ने कहा था कि संजय राऊत को अब अकेले में बात करने की प्रैक्टिस करनी चाहिए, दीवारों से बात करने की आदत डालनी चाहिए। उसे पता होना चाहिए कि कोर्ट ने ही उनकी गिरफ्तारी को अवैध बताया है। संजय राऊत ने कहा कि किसी भी निर्दोष को जेल में रहना कितना कष्टदायक होता है, इसका उन्हें पिछले तीन महीने में अनुभव हुआ है। वीर सावरकर भी दो साल तक जेल में रहे थे। लोकमान्य तिलक, अटलबिहारी वाजपेई को भी जेल में रहना पड़ा था। राजनीतिक जीवन में जेल जाना कोई आश्चर्यजनक बात नहीं है।

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संजय राऊत ने कहा कि वे 10 नवंबर को उद्धव ठाकरे और शरद पवार से भी मिलने वाले हैं। वे देवेंद्र फडणवीस से भी मिलेंगे। संजय राऊत ने कहा कि वे जेल में पेपर पढ़ते थे। सरकार ने जो अच्छे काम किए हैं, उनका स्वागत किया जाना चाहिए। जब वे जेल में थे, उस समय देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि महाराष्ट्र में राजनीतिक कटुता बढ़ गई है, उसे कम किया जाना चाहिए। इसका हमने स्वागत किया था। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री किसी भी पार्टी का नहीं रहता है। यह सरकार पूरी तरह से देवेंद्र फडणवीस ही चला रहे हैं। वे ईडी के विरुद्ध कोई बयान नहीं देंगे, साथ ही उनके खिलाफ जिन लोगों ने साजिश की है, उनके खिलाफ भी कुछ नहीं बोलेंगे।

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