शिवसेना नेता संजय राऊत अभी कारावास में ही रहेंगे। पीएमएलए न्यायालय में जमानत पर सुनवाई चल रही है। जिसमें राऊत के अधिवक्ता अपना पक्ष रख रहे हैं। सुनवाई पूरी न हो पाने के कारण अगली सुनवाई 10 अक्टूबर के लिए टल गई है। अगली सुनवाई में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिवक्ता पक्ष रखेंगे।
संजय राऊत को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था। यह गिरफ्तारी पीएमएलए (आय से अधिक संपत्ति का मामला) कानूनों के अधीन की गई थी। गिरफ्तारी के बाद से संजय राऊत आर्थर रोड जेल में बंद हैं। न्यायालय ने उन्हें न्यायिक हिरासत में रखने का निर्देश दिया है।
ऐसा है प्रकरण
गोरेगांव के पत्राचाल पुनर्निर्माण परियोजना में धांधली के संदर्भ में एक प्रकरण जांच एजेंसियों को सौंपा गया था। बॉम्बे हाईकोर्ट ने जांच का आदेश सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन को दिया था। जिसके बाद केंद्रीय एजेंसी ने जांच शुरू की, इस प्रकरण से संबंधित लोगों में एचडीआईएल, गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन के निदेशक प्रवीण राउत व उनकी पत्नी माधुरी राऊत और संजय राऊत व उनकी पत्नी वर्षा राऊत के बीच आर्थिक लेनदेन के व्यवहार पाए गए थे।
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मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने गोरेगांव स्थित पत्राचाल के पुनर्विकास में 1030 करोड़ रुपए का घपला करने के आरोप में पहले ही प्रवीण राऊत को गिरफ्तार कर चुकी है। इसी प्रकरण मे संजय राउत पर गंभीर आरोप लगे हैं, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोप है कि गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन के माध्यम से ही संजय राऊत ने लेनदेन किया, जिससे अलीबाग में भूखंड और बंगला खरीदा व दादर में फ्लैट खरीदा है। दादर के फ्लैट की खरीद में ही 55 लाख रुपए का ब्याज रहित ऋण माधुरी राऊत ने वर्षा राऊत को दिया था, जिसे जांच एजेंसियों के निशाने पर आने के बाद वापस भी किया जा चुका है।
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