रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच यूरोप लगातार सवाल उठाता रहा है कि भारत रूस से तेल आयात कर रहा है, इस पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूरोप को जमकर सुनाया। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत से ज्यादा तेल का आयात तो यूरोप ने किया, उसके बाद भी वह भारत पर सवाल उठा रहा है। एस जयशंकर ने कहा कि जिस प्रकार से यूरोप अपनी ऊर्जा जरूरतों के अनुरूप विकल्प नहीं बना सकता, उसी प्रकार से वह भारत से भी कुछ और करने को नहीं कह सकता है। इसके साथ ही विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान से तभी बात संभव हो सकती है, जब वह आतंकवाद का हल निकाल लेगा। जब तक वह आतंकवाद का हल नहीं निकाल लेता, तब तक पाकिस्ताान से किसी भी प्रकार की बातबीच होना असंभव है।
#WATCH | European Unions from February to November have imported more fossil fuel from Russia than the next 10 countries combined. The oil import in European Union is six times what India has imported; gas is infinite times because we don't import it: EAM Dr S Jaishankar pic.twitter.com/3Thnvg8KyG
— ANI (@ANI) December 5, 2022
ये भी पढ़ें- Himachal Election Exit Poll 2022: भाजपा-कांग्रेस में कांटे की टक्कर तो ‘आप’ का क्या होगा हाल?
इन मुद्दों पर हुई चर्चा
विदेश मंत्री जयशंकर ने जर्मन समकक्ष एनालेना बेयरबॉक के साथ 5 दिसंबर को बैठक की। इस बैठक में ऊर्जा, कारोबार, जलवायु परिवर्तन, यूक्रेन संकट सहित द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने पर चर्चा हुई। बैठक के बाद एस जयशंकर ने यूरोप को जमकर खरी-खरी सुनाई। विदेश मंत्री ने कहा कि रूस से जितना 10 देश मिलकर कच्चा तेल, गैस का आयात करते हैं, उससे ज्यादा यूरोप अकेले करता है, उसके बाद भी यूरोपीय संघ भारत पर सवाल उठा रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दो-टूक कहा कि भारत को करने से मना किया जाए और यूरोप स्वयं करे, यह सही नहीं है। विदेश मंत्री ने कहा कि यूरोप को पहले अपने गिरेबान में झाकना चाहिए तब भारत पर सवाल उठाना चाहिए। क्योंकि वह जिस पर सवाल उठा रहा है, वही कार्य व स्वयं कर रहा है। वह रूस से कच्चा तेल, गैस का आयात कर रहा है और दूसरे देशों को आयात करने से मना कर रहा है। बता दें कि एनालेना बेयरबॉक दो दिवसीय भारत दौरे पर आई हुई हैं।