यूक्रेन के लुहांस्क, डोनेस्क, खेरसान और जपोरीजिया को रूस 30 सितंबर को अपनी सीमा में आधिकारिक रूप से शामिल कर लेगा। रूस के राष्ट्रपति के कार्यालय क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमिमत्री पेसकोव ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन के स्वीकृति पत्र पर हस्ताक्षर के साथ यह क्षेत्र रूस का हिस्सा हो जाएंगे।
ये क्षेत्र किए जाएंगे रूस में शामिल
रूसी राष्ट्रपति स्वीकृति पत्र पर हस्ताक्षर एक समारोह में करेंगे। इसके बाद पुतिन भाषण देंगे। साथ ही इन क्षेत्रों में मास्को द्वारा नियुक्त प्रशासकों से मुलाकात करेंगे। इस पर यूक्रेन ने रूस को चेतावनी दी है। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने क्रेमलिन की घोषणा के बाद 30 सितंबर को अपने उच्च रक्षा अधिकारियों और राजनेताओं की आपात बैठक बुलाई है। जेलेंस्की ने कहा कि रूस के कब्जे वाला क्षेत्र विशुद्ध रूप से यूक्रेन का है। जनमत संग्रह का यूक्रेन ने शुरू से विरोध किया है। रूसी अधिकारियों का कहना है कि इन क्षेत्रों में पांच दिन तक चले जनमत संग्रह में इन्हें रूस में शामिल करने के पक्ष में 90 प्रतिशत से अधिक मत पड़े हैं। पुतिन के फैसले का मतलब है कि मास्को पूर्वी और दक्षिणी यूक्रेन के कब्जाए गए विशाल क्षेत्र को अपने साथ जोड़ लेगा। यह यूक्रेन की कुल भूमि का 15 प्रतिशत है।
संयुक्त राष्ट्र ने की निंदा
रूस के इस जनमत संग्रह की पश्चिमी देशों ने कड़ी निंदा की है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि इसकी जितनी निंदा की जाए, कम है।