Roadmap: मणिपुर में शांति बहाली का रोडमैप तैयार? फोक्स ने किया ये दावा

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Roadmap: फेडरेशन ऑफ सिविल सोसाइटी (Federation of Civil Society) नामक मैतेई सामाजिक संगठन(Meitei Social Organization) ने दावा किया है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) के पूर्वोत्तर सलाहकार एके मिश्रा(Northeast Advisor AK Mishra) ने उन्हें मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए केंद्र सरका(Central Government)र द्वारा तैयार किए गए रोडमैप की जानकारी दी है। फोक्स(Fox) के अनुसार, इस योजना का कार्यान्वयन पहले ही शुरू(Implementation of the plan has already started) हो चुका है।

चरणबद्ध तरीके से लागू की जा रही है शांति योजना
फोक्स के प्रवक्ता नंगबम चामचान सिंह ने 13 मार्च को मीडिया को बताया कि संगठन के एक प्रतिनिधिमंडल ने इंफाल के ओल्ड सेक्रेटेरिएट में मिश्रा और अन्य अधिकारियों से मुलाकात की। नंगबम ने बताया कि बैठक के दौरान, मिश्रा ने कहा है कि राज्य में जारी जातीय हिंसा को समाप्त करने के लिए चरणबद्ध तरीके से इस शांति योजना को लागू किया जा रहा है।

पहले चरण की योजना
सिंह के अनुसार पहले चरण में हथियारों का स्वैच्छिक समर्पण, सड़कों को खोलना और सशस्त्र समूहों की गतिविधियों पर नियंत्रण शामिल है। मिश्रा ने यह भी कहा कि राज्यपाल ने 20 फरवरी को सभी हथियारों के स्वैच्छिक समर्पण की अपील की थी और पूरे राज्य में लोगों की स्वतंत्र आवाजाही सुनिश्चित करने के प्रयास जारी हैं।

कूकी सशस्त्र समूह और केंद्र के बीच समझौते की अवधि समाप्त
कूकी सशस्त्र समूहों और केंद्र के बीच निलंबित संचालन (एसओओ) समझौते को लेकर सिंह ने कहा कि मिश्रा ने स्पष्ट किया कि समझौते की अवधि समाप्त हो चुकी है, लेकिन इसे अभी वापस नहीं लिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि इसे जल्द ही पुनः समीक्षा कर संशोधित किया जाएगा।

इसके अलावा, फोक्स ने एमएचए प्रतिनिधिमंडल को अपनी पांच सूत्री मांग सौंपी, जिसमें लोगों की स्वतंत्र आवाजाही, विस्थापितों का सुरक्षित पुनर्वास, गांवों पर सशस्त्र हमलों को रोकने, मणिपुर की जनसांख्यिकीय स्थिति का विस्तृत अध्ययन और शांति वार्ता शुरू करने की मांग शामिल है।

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2023 से मैतेई और समुदायों के बीच जातीय हिंसा जारी
उल्लेखनीय है कि मई 2023 से मणिपुर में मैतेई और कूकी-जो समुदायों के बीच जातीय हिंसा जारी है, जिसमें अब तक 250 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों विस्थापित हुए हैं। केंद्र सरकार ने 13 फरवरी को मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया था। राज्य विधानसभा को निलंबित कर दिया गया है, हालांकि इसका कार्यकाल 2027 तक जारी रहेगा।

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