India-Pakistan Relations: विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने 15 मई को कहा कि पाकिस्तान के साथ भारत का संबंध और बातचीत हमेशा द्विपक्षीय ही रहेंगे। इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि भारत की कार्रवाई केवल पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों तक सीमित थी और हमने अपना लक्ष्य पा लिया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम नहीं हुआ है बल्कि संघर्ष रोका गया है। उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि उसे आतंकवाद के पूरे ढांचे को नष्ट करना होगा और वह जानता है कि क्या करना है।
विदेश मंत्री ने होंडुरास के विदेश मंत्री हेनरी क्वीन के साथ उनके नई दिल्ली स्थित दूतावास का उद्घाटन किया। उन्होंने हॉन्डुरस को आतंकवाद के खिलाफ ठोस समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। कार्यक्रम से इतर विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने गुरुवार को पाकिस्तान, आतंकवाद, अमेरिका से व्यापार वार्ता और संघर्षकाल में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिया।
भारत-पाकिस्तान के बीच संबंध और बातचीत हमेशा द्विपक्षीय
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच संबंध और बातचीत हमेशा द्विपक्षीय ही रहेंगे। इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साफ कहा है कि पाकिस्तान के साथ बातचीत केवल आतंकवाद पर होगी। पाकिस्तान को उन आतंकवादियों को सौंपना होगा जिसकी सूची हमने दी है और आतंकवादी नेटवर्क को बंद करना होगा। भारत आतंकवाद के मुद्दे पर बातचीत के लिए तैयार है।
सैटेलाइट तस्वीरों से स्पष्ट है कि कौन गोलीबारी बंद करना चाहता था
जयशंकर ने कहा, “हमने पाकिस्तान को संदेश भेजा था कि हम आतंकवादी ढांचे पर हमला कर रहे हैं, सेना पर नहीं और सेना के पास यह विकल्प है कि वह बाहर खड़ी रहे और हस्तक्षेप न करे। उन्होंने उस अच्छी सलाह को न मानने का विकल्प चुना। एक बार 10 मई की सुबह उन्हें बुरी तरह से नुकसान पहुंचा। सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि हमने कितना नुकसान किया और उन्होंने कितना कम नुकसान किया। यह स्पष्ट है कि कौन गोलीबारी बंद करना चाहता था।”
उन्होंने कहा, “ युद्ध विराम पर, या जिसे आप युद्ध विराम कहते हैं, हम इसे गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई की समाप्ति के रूप में संदर्भित करते हैं। हमने बहावलपुर, मुरीदके, मुजफ्फराबाद और अन्य स्थानों में आतंकवादी ढांचे को नष्ट करके अपने लक्ष्य को प्राप्त किया है।”
सिंधु जल समझौते का निलंबन रहेगा जारी
डॉ. जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत का पाकिस्तान से संपर्क आतंकवाद के मुद्दे तक सीमित रहेगा। आतंकवाद का आधार समाप्त किए बिना कोई भी सामान्य द्विपक्षीय संबंध या जल संधि पुनः शुरू नहीं होगी। पाकिस्तान द्वारा भारत से सिंधु जल समझौते पर पुनर्विचार की अपील पर डॉ. जयशंकर ने कहा कि यह संधि तब तक निलंबित रहेगी जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को विश्वसनीय और स्थायी रूप से बंद नहीं करता। कश्मीर मुद्दे पर केवल एक चर्चा बची है, वह है पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर को खाली कराना।
अंतरराष्ट्रीय समर्थन
डॉ. जयशंकर ने बताया कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता चल रही हैं, जो जटिल हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई भी निर्णय तभी होगा, जब सभी बिंदुओं पर सहमति बन जाएगी। व्यापार समझौता दोनों देशों के लिए लाभकारी होना चाहिए। डॉ. जयशंकर ने कहा कि भारत को कई देशों और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से समर्थन मिला, जिसमें आतंकवादी जिम्मेदारों को जवाबदेह ठहराने की मांग शामिल है।