प्रधानमंत्री ने की उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की सराहना, विदाई समारोह में कही ये बात

प्रधानमंत्री ने नायडू के भाषा ज्ञान की सराहना करते हुए कहा कि आपकी किताबों में आपकी वो शब्द प्रतिभा झलकती है, जिसके लिए आप जाने जाते हैं।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8 अगस्त को उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू की सराहना करते हुए कहा कि वेंकैया के कार्यकाल के दौरान राज्यसभा की उत्पादकता 70 प्रतिशत बढ़ी और सांसदों की उपस्थिति में भी वृद्धि दर्ज की गई। इस दौरान लगभग 177 विधेयक या तो पारित हुए या सदन में चर्चा हुई जो एक रिकॉर्ड है।

प्रधानमंत्री ने उच्च सदन में सभापति वेंकैया की विदाई के मौके पर कहा कि 8 अगस्त हम राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू जी को उनके कार्यकाल की समाप्ति पर धन्यवाद देने के लिए एकत्र हुए हैं। इस सदन के लिए ये बहुत भावुक पल है। सदन के कितने ही ऐतिहासिक पल आपकी गरिमामई उपस्थिति से जुड़े हैं।

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मातृभाषा के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू की तारीफ करते हुए कहा कि आपकी मौजूदगी में सदन की कार्यवाही के दौरान हर भारतीय भाषा को विशिष्ट अहमियत दी गई है। सदन में सभी भारतीय भाषाओं को आगे बढ़ने के लिए काम किया। सदन में हमारी सभी 22 शेड्यूल भाषाओं में कोई भी सदस्य बोल सकता है, उसका इंतजाम आपने किया।

उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में आज जब देश अपने अगले 25 वर्षों की नई यात्रा शुरू कर रहा है। तब देश का नेतृत्व भी एक तरह से एक नए युग के हाथों में हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार हम ऐसा 15 अगस्त मना रहे हैं, जब देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, स्पीकर और प्रधानमंत्री सब के सब वो लोग हैं, जो आजाद भारत में पैदा हुए और सब के सब बहुत ही साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं।

उपराष्ट्रपति के रूप में युवा कल्याण के लिए समय देने के लिए प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उपराष्ट्रपति के रूप में आपने युवा कल्याण के लिए बहुत समय दिया। आपके बहुत से कार्यक्रम युवा शक्ति पर केंद्रित थे। सदन में भी हमेशा युवा सांसदो को आगे बढ़ाया और उन्हें प्रोत्साहन दिया। उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति के रूप में आपने सदन के बाहर जो भाषण दिए, उनमें करीब 25 प्रतिशत युवाओं के बीच में रहे हैं। ये अपने आप में बहुत बड़ी बात है।

उपराष्ट्रपति के साथ बिताये समय को व्यक्तिगत रूप से अपना सौभाग्य बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बड़े निकट से उन्हें अलग-अलग भूमिकाओं में देखा है। इनमें से बहुत सारी भूमिकाएं ऐसी भी हैं जिसमें आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने का भी मुझे सौभाग्य मिला है। उन्होंने कहा कि आपने कभी भी किसी काम को बोझ नहीं माना। आपने हर काम में नए प्राण फूंकने का प्रयास किया है।

प्रधानमंत्री ने वेंकैया के जज्बे और लगन को प्रत्येक सांसद और देश के हर युवा के लिए प्रेरणा बताते हुए कहा कि वो समाज, देश और लोकतंत्र के बारे में आपसे बहुत कुछ सीख सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने नायडू के भाषा ज्ञान की सराहना करते हुए कहा कि आपकी किताबों में आपकी वो शब्द प्रतिभा झलकती है, जिसके लिए आप जाने जाते हैं। आपके वन लाइनर्स मशहूर होते हैं। उनके बाद कुछ कहने की जरूरत ही नहीं रह जाती। कैसे कोई अपनी भाषा की ताकत के रूप में सहजता से इस सामर्थ्य के लिए जाना जाए और उस कौशल से स्थितियों को बदलने की सामर्थ्य रखे, ऐसे आपके सामर्थ्य को मैं बधाई देता हूं।

उन्होंने कहा कि आपने दक्षिण में छात्र राजनीति करते हुए अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था। तब लोग कहते थे कि जिस विचारधारा से आप जुड़े थे, उसका और उस पार्टी का निकट भविष्य में तो दक्षिण में कोई सामर्थ्य नजर नहीं आता है। लेकिन आप उस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के शीर्ष पद तक पहुंचे।

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