राज्यसभा की छह सीटों का निर्वाचन राज्य में संसद के उच्च सदन में छठवीं विजय किस उम्मीदवार की होगी यही तय नहीं करेगा बल्कि, राज्य के राजकाज को भी निश्चित करेगा। इस निर्वाचन प्रक्रिया में निर्दलीयों की भूमिका अति आवश्यक है। जो संख्याबल के हिसाब से भाजपा की ओर कुछ आसान है, जबकि सत्ता पक्ष को अतिरिक्त मतों की संख्या अपेक्षाकृत अधिक चाहिए।
राजनीतिक पार्टियों द्वारा अपने विधायकों को एकजुट रखने के लिए बाड़ेबंदी शुरू हो गई है। शिवसेना विधायकों को सोमवार रात मुख्यमंत्री के साथ बैठक के बाद पांच सितारा हॉटेल में रवाना कर दिया गया। इसी प्रकार भारतीय जनता पार्टी ने भी कदम उठाया है। महाराष्ट्र में सत्ता की चाबी निर्दलीयों के हाथ है। कुल 29 विधायकों के हाथ राज्यसभा की छठी सीट की चाबी है। जिसमें से 16 विधायक छोटे दलों के हैं।
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छठी सीट किसकी?
राज्यसभा के लिए भारतीय जनता पार्टी के पास उपलब्ध विधायकों की संख्या 113 है। जिससे उसके दो उम्मीदवारों की जीत पक्की है, जबकि उसे तीसरे उम्मीदवार को जीत दिलाने के लिए 13 विधायकों की आवश्यकता है। एक उम्मीदवार को जीत के लिए 42 मत चाहिए। भाजपा के दो उम्मीदवारों की जीत पश्चात उसके पास अतिरिक्त 29 मत हैं।
- भाजपा विधायक 106
- समर्थक निर्दलीय और छोटे दल 7
इसी प्रकार महाविकास आघाड़ी के पास कुल 169 विधायकों का समर्थन है। जिसमें शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस की अपनी शक्ति 154 है। जिससे उनका एक-एक उम्मीदवार आसानी से विजय प्राप्त कर लेगा। शिवसेना के पास 13, एनसीपी के पास 12 और कांग्रेस के पास 2 अतिरिक्त मत हैं। जो मिलाकर 27 अतिरिक्त मत हैं, उसे अपने चौथे उम्मीदवार को जिताने के लिए 15 मतों की आवश्यकता है, जिसके लिए वह छोटे दलों और निर्दलीयों से जोड़तोड़ कर रही है।
- शिवसेना 55 विधायक
- एनसीपी 54 विधायक
- कांग्रेस 44 विधायक
इनके हाथ राज-सभा
राज्य में छोटे दल और निर्दलीय विधायकों का एक-एक मत महत्वपूर्ण है। भारतीय जनता पार्टी के तीसरे उम्मीदवार धनंजय महाडिक की जीत राज्य में शिवसेना प्रणित एनसीपी कांग्रेस की सरकार का भविष्य तय करेगी। इसके लिए भाजपा एंड़ी चोटी का जोर लगा रही है। इसी प्रकार शिवसेना का दूसरा उम्मीदवार संजय पवार के लिए पूरा जोर लगा रही है।
- बहुजन विकास आघाड़ी 3
- एआईएमआईएम 2
- पीजेपी 2
- सपा 2
- केएसपी 1
- पीडब्लूपी 2
- एसएसएस 1
- आरएसपी 1
- जेएसएस 1
- सीपीआई 1
- मनसे 1
- निर्दलीय 13
महाराष्ट्र में जितनी आसान सत्ता पक्ष की जीत को माना जा रहा है, वह उतनी आसान है नहीं। जिसके कारण फाइव स्टार पॉलिस्टिक शुरू हो गई है। राज्यसभा में सत्ताधारियों की अपेक्षाकृत भाजपा की स्थिति आंकड़ों के हिसाब से ठीक है। जिसमें निर्दलीयों का साथ उसे राज्यसभा में तीसरा उम्मीदवार तो देगी है, महाराष्ट्र में सरकार की चूलें हिलाने का कार्य भी करेगी। यानि यह निर्वाचन राज्य सरकार के लिए फ्लोर टेस्ट से कम नहीं है।
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