राजस्थान विधानसभा में 10 फरवरी को कुछ ऐसा देखने को मिला जिसने सभी को हैरान कर दिया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकार का अंतिम बजट पढ़ने तो आए, लेकिन उन्हें यह नहीं पता था कि वह किस साल का बजट पेश कर रहे हैं। सीएम गहलोत ने जैसे ही बजट पढ़ना शुरू किया वैसे ही विपक्ष ने हंगामा कर दिया, क्योंकि गहलोत जिस बजट को पढ़ रहे थे वह दरअसल, पुराना बजट था। विपक्ष के हंगामे के बाद सदन को कुछ देर के लिए स्थगित करना पड़ा।
सीएम गहलोत ने छह मिनट तक पढ़ा पुराना बजट
दरअसल, सुबह 11 बजे सदन की कार्रवाई आरंभ होने के बाद करीब छह मिनट तक सीएम बजट पढ़ते रहे, तभी जलदाय मंत्री महेश जोशी ने आकर उनके कान में कुछ कहा और वो ठिठक गए। गहलोत का भाषण रुका तो विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने पुराना बजट पढ़ा है। भारी हंगामे के कारण सदन की कार्रवाई आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी गई।
मुख्यमंत्री गहलोत मांगे माफी
सदन की कार्रवाई 11 बजकर 42 मिनिट पर दूसरी बार आरंभ हुई तो नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि कुछ मिनट तक गलत पढ़ने के बाद तीसरे व्यक्ति ने आकर बताया कि गलत पढ़ रहे हैं। बजट लीक हुआ है, बजट गोपनीय होता है और इसकी कॉपी सीएम के अलावा किसी दूसरे के पास कैसे पहुंच गई। सीएम को तीसरे आदमी ने आकर बताया, यह बजट किसी तीसरे व्यक्ति को कैसे मालूम पढ़ा। सदन का मान रखना चाहते हैं तो इस बजट को दूसरे दिन अलग से पेश किया जाए। आज की घटना से लोकतंत्र शर्मसार हुआ है। कटारिया ने मुख्यमंत्री से माफी की मांग की। नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने कहा कि पुराना बजट पढ़ने पर मुख्यमंत्री को माफी मांगनी चाहिए।
मुख्यमंत्री गहलोत ने मानी गलती
भाजपा के आरोपों पर मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि किसी अधिकारी से एक पेज गलती से लग गया, जिस पर विपक्ष ने बजट लीक होने की बात कही है। बजट लीक नहीं हुआ है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट भाषण में सबसे पहले इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी की घोषणा की।