Rahul Gandhi in USA: चीन में नहीं है बेरोजगारी? जानिये, राहुल गांधी के दुश्मन देश की प्रशंसा का क्या है सच

आजकल राहुल गांधी अमेरिका में है और वहां भी उन्होंने खुलकर चीन की प्रशंसा की है।

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Rahul Gandhi in USA: राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अपना तीन दिवसीय अमेरिकी दौरा (three-day US tour) समाप्त करते हुए कैपिटल हिल (Capitol Hill) में अमेरिकी सांसदों (US lawmakers) के साथ बैठक की योजना बनाई। भारतीय ओवरसीज कांग्रेस (Indian Overseas Congress) के अध्यक्ष सैम पित्रोदा (Sam Pitroda) के अनुसार, उनकी यात्रा उत्पादक रही है, जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों, छात्रों और एक बड़े भारतीय समुदाय के कार्यक्रम के साथ बातचीत शामिल है।

राहुल अपने अमेरिका दौरे से हेडलाइन में बने रहें और वह अपने बयानों जिनमें आरएसएस की आलोचना हो यह सिखों की धार्मिक स्वंत्रता या फिर अन्य बयानों ने सुर्खियां बटोरी है। दूसरी तरफ राहुल गांधी दुनिया में जहां भी जाते हैं चीन की तारीफ जरूर करते हैं और वो चीन से बहुत प्रभावित लगते हैं।

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चीन में बेरोजगारी
आजकल राहुल गांधी अमेरिका में है और वहां भी उन्होंने खुलकर चीन की प्रशंसा की है। उन्होंने भारत और अमेरिका जैसे देशों से कहा है कि चीन से सीखो कि चीन ने अपने देश में बेरोजगारी को कैसे कम किया। तो आज बड़ा सवाल ये है कि राहुल गांधी को चीन की भूमि हरी हरी क्यों दिखती है और राहुल गांधी को चीन की थाली में ज्यादा घी नजर क्यों आता है। आज चीन में बेरोजगारी के कुछ सच्चे आंकड़े भी हम आपको दिखाएंगे जो शायद राहुल गाँधी को पता नहीं है। वर्ल्ड बैंक के मुताबिक वर्ष 2023 वें यानि पिछले साल चीन में बेरोजगारी दर भारत से ज्यादा थी। चीन में बेरोजगारी 4 दशमलव 7 प्रतिशत थी, जबकि भारत में बेरोजगारी का दर है 4 दशमलव 2 प्रतिशत। पिछले वर्ष चीन के युवाओं में बेरोजगारी दर 21 प्रतिशत से ज्यादा पहुंच गई थी। जिसके बाद चीन की सरकार ने इस बढ़ती बेरोजगारी को छिपाने के लिए बेरोजगारी दर के आंकड़े जारी करना ही बंद कर दिया था।

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सरकारी नौकरियों के लिए भगदड़
और ये बात हम नहीं कह रहे हैं बल्कि ये बात अमेरिका के मशहूर अखबार द वाशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में बताई है। राइटर्स इतनी बड़ी न्यूज एजेंसी है, न्यू यॉर्क टाइम्स इतना बड़ा अखबार है। वाशिंटन पोस्ट ये भी बहुत बड़ा अखबार है और यहां तक कि चीन का 1 अखबार जिसका नाम है द साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ये भी अपनी रिपोर्ट में लिखता है कि चीन में बेरोजगारी इतनी तेजी से बढ़ रही है कि वहां लोग शादियां नहीं कर रहे और अपने माता पिता की देखभाल करने के लिए भी आजकल वहाँ के युवा अपने माता पिता से ही तनख्वा ले रहे हैं क्योंकि वो बेरोजगार है और चीन में सरकारी नौकरियों के लिए वैसी ही भगदड़ मची हुई है जैसी भारत में है।

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नेशनल सिविल सर्वेंट्स
चीन में नवम्बर 2023 में नेशनल सिविल सर्वेंट्स की 39 हजार 600 नौकरियों के लिए भर्तीया निकली थी, जिनके लिए 30 लाख युवाओं ने आवेदन दिया। हर नौकरी के लिए 77 युवाओं के बीच यह मुकाबला होना था। इससे आप समझ सकते है की चीन में बेरोजगारी की स्थिति कोई हमसे ज्यादा अच्छी नहीं है लेकिन इसके बावजूद राहुल गांधी को चीन की भूमि हरी हरी नज़र आती है। चीन के मॉडल से वो प्रभावित रहते हैं।

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