किसान आंदोलन से मिली लोकप्रियता का लाभ उठाकर कई संगठनों ने पंजाब विधानसभा के लिए कराए जा रहे चुनाव में किस्मत आजमाने का निर्णय लियाा है। लेकिन ऐसे संगठनों को संयुक्त किसान मोर्चा ने बड़ा झटका दिया है। एसकेएम ने स्पष्ट कर दिया है कि जो किसान संगठन चुनाव मैदान में उतरेंगे, वे संयुक्त किसान मोर्चा का हिस्सा नहीं रहेंगे।
केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व करने वाले एसकेएम ने इस तहर की घोषणा कर चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने के लिए कमर कस चुके संगठनों को जोर का झटका दिया है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी जानकारी
संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने सिंघू बॉर्डर पर कोंडली में बैठक के बाद एक प्रेस कॉनफ्रेंस की। इस दौरान मोर्चा के नेता युद्धवीर सिंह ने स्पष्ट रुप से कहा कि किसान मोर्चा पंजाब में चुनाव लड़ रहे किसान संगठनों से सहमत नहीं है और वे अब इस मोर्चे का हिस्सा नहीं रहेंगे।
इन नेताओं की चुनवा लड़ने की घोषणा
बता दें कि किसान आंदोलन के हिस्सा रहे दो किसान नेताओं गुरनाम सिंह चढूनी और बलबीर सिंह राजेवाल ने पंजाब चुनाव में उतरने की घोषणा की है।
21 जनवरी को लखीमपुर खीरी जाएंगे टिकैत
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोर्चा के नेताओं ने कहा कि भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत, केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने की मांग को लेकर 21 जनवरी को लखीमपुर खीरी जाएंगे। यदि इस दिशा में केंद्र सररकार कोई निर्णय नहीं लेती है तो किसान संगठन लखीमपुर में धरना दे सकते हैं।