सर्वदलीय बैठक, मुलाकात हुई और ये बात हुई!

दिल्ली में पीएम आवास पर प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बुलाई गई बैठक में फारुक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद, रविंद्र रैना, कवींद्र गुप्ता, निर्मल सिंह, सज्जाद लोन, भीम सिंह समेत अन्य नेता शामिल हुए। 24 जून की शाम 6.30 बजे शुरू हुई ये बैठक करीब साढ़े तीन घंटे चली।

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जम्मू-कश्मीर को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में पीएम ने कहा कि परिसीमन के बाद इस केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने बैठक में यह भी कहा कि मैं दिल्ली और दिल की दूरी खत्म करना चाहता हूं। 24 जून की शाम 6.30 बजे शुरू हुई ये बैठक करीब साढ़े तीन घंटे चली। बैठक के प्रारंभ में पीएम मोदी ने सबका हाथ जोड़कर स्वागत किया।

बैठक के बाद ‘अपनी पार्टी’ के नेता अल्ताफ बुखारी ने कहा कि बैठक में बातचीत बहुत ही अच्छे माहौल में हुई। पीएम ने सभी नेताओं की बात ध्यान से सुनी।

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इन नेताओं ने कही ये बात

  • कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा वापस मिलना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने वहां तुरंत चुनाव कराने की भी मांग की। साथ ही कश्मीरी पंडितों की वापसी और पुनर्वास की व्यवस्था करने की भी मांग की।
  • पीडीपी नेता मुजफ्फरपुर हुसैन बेग ने कहा कि 370 खत्रम करने का फैसला जम्मू-कश्मीर विधानसभा के द्वारा होना चाहिए। हालांकि उन्होंने कहा कि पीएम ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण दर्जा दिए जाने के बारे में कोई बात नहीं कही।
  • पीडीपी प्रमुख और प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मैंने बैठक में पीएम से कहा कि आपको धारा 370 हटाना था तो जम्मू-कश्मीर की विधानसभा को बुलाकर हटाना चाहिए था। इसे गैरकानूनी तरीके से हटाने का कोई अधिकार नहीं है। हम अनुच्छेद 370 को संवैधानिक और कानूनी तरीक से बहाल करना चाहते हैं
  • भाजपा नेता कवींद्र गुप्ता ने कहा कि सभी राजनैतिक दलों ने अपने विचार रखे। मुझे लगता है कि आने वाले समय में राजनैतिक प्रक्रिया शुरू होने वाली है। चुनाव परिसीमन प्रक्रिया के बाद होगा। वहां एक बार फिर विधानसभा का गठन होगा।
  • उमर अब्दुला ने बैठक समाप्ति के बाद कहा कि हमने बैठक में कहा कि हम 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 हटाए जाने के लिए गए निर्णय को स्वीकार नहीं करेंगे। हम न्यायालय के माध्यम से 370 के मामले में अपनी लड़ाई लड़ेंगे।

बैठक में ये नेता हुए शामिल
दिल्ली में पीएम आवास पर प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बुलाई गई बैठक में फारुक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद, रविंद्र रैना, कवींद्र गुप्ता, निर्मल सिंह, सज्जाद लोन, भीम सिंह समेत अन्य नेता शामिल थे।
इनके साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, केंद्रीय मंत्री जीतेंद्र सिंह व जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्र के कई अधिकारी बैछक में उपस्थित थे। पीएम मोदी ने बैठक में सबका हाथ जोड़कर स्वागत किया। सबसे पहले फारुक अब्दुल्ला ने अपनी बात रखी। उसके बाद अन्य नेताओं ने भी अपनी बातें रखीं।

हिंदुत्ववादी पार्टियों को नहीं बुलाए जाने पर जताई नाराजगी
बता दें कि पीएम की इस बैठक में डोगरा स्वाभिमान पार्टी प्रमुख चौधरी लाल सिंह और इक्कजुट्ट जम्मू के अंकुर शर्मा को नहीं बुलाया गया था। इसे लेकर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने बैठक में हिंदुत्ववादी पार्टियों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बैठक में अलगाववादी और गुपकार को प्राथमिकता मिली, जबकि आतंक में अपना सब कुछ गंवानेवाले पंडितों और हिंदुओं को निराशा हाथ लगी। इस भेदभाव के विरुद्ध ‘इक्कजुट्ट जम्मू’ ने 24 जून को सुबह 10 बजे से राज्य में काला दिवस मनाकर विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की थी।

बगैर हिंदू कैसी बातचीत?
जम्मू-कश्मीर में हिंदू समाज में पंडित, डोगरा समाज, सिख, जैन आदि सभी का समावेश है। परंतु, केंद्र सरकार ने जम्मू संभाग से पैंथर्स पार्टी से त्यागपत्र दे चुके भीम सिंह को तो बुलाया था, लेकिन इस दल के वर्तमान सर्वेसर्वा हर्षदेव और बलवंत सिंह मनकोटिया को नही बुलाया।

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