जानें वो पांच बदलाव, जो बदल देंगे जीवन… क्रिप्टो करेंसी पर भी प्रधानमंत्री का बड़ा कदम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिडनी डायलॉग के उद्घाटन में मुख्य भाषण दिया। पीएम ने अपने संबोधन में कहा, "यह भारत के लोगों के लिए बहुत सम्मान की बात है कि आपने मुझे आमंत्रित किया है। मैं इसे इंडो पैसिफिक क्षेत्र और उभरती डिजिटल दुनिया में भारत की केंद्रीय भूमिका की मान्यता के रूप में देखता हूं।

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भारत में पांच महत्वपूर्ण बदलाव हो रहे हैं, जिनका लाभ वर्तमान में जनता महसूस भी करने लगी है। ये ऐसे बदलाव हैं जो न मात्र आम जीवन में सुधार लाएंगे बल्कि, तकनीकी दृष्टि से सभी दूरस्थ क्षेत्रों को जोड़ने का कार्य करेंगे। यह विश्व के लिए असंभव सा लगनेवाला कार्य हो सकता है, परंतु भारत इस पर पूर्ण शक्ति से कार्य कर रहा है। इसके अलावा क्रिप्टो करेंसी के भ्रमजाल पर नियंत्रण के लिए भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व समुदाय से साझा कदम उठाने का आह्वान किया है। इन पांच बदलावों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर साझा किया।

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प्रधानमंत्री की वो पांच बातें

  • एक, हम दुनिया के सबसे व्यापक सार्वजनिक सूचना बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहे हैं। जिसके माध्यम से 1.3 अरब से अधिक भारतीयों की एक विशिष्ट डिजिटल पहचान होगी। सरकार छह लाख गांवों को ब्रॉडबैंड से भी जोड़ने की राह पर हैं।”
  • दूसरा, हम शासन, समावेश, सशक्तिकरण, कनेक्टिविटी, लाभ वितरण और कल्याण के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग करके लोगों के जीवन को बदल रहे हैं।
  • तीसरा, भारत के पास विश्व का तीसरा सबसे बड़ा और सबसे तेजी से बढ़ने वाला स्टार्टअप इकोसिस्टम है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, वे स्वास्थ्य और शिक्षा से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा तक हर चीज का समाधान मुहैया करा रहे हैं।
  • चौथा, भारत का उद्योग और सेवा क्षेत्र, यहां तक ​​कि कृषि भी बड़े पैमाने पर डिजिटल परिवर्तन के काल से गुजर रहा है। हम स्वच्छ ऊर्जा, संसाधनों के संरक्षण और जैव विविधता के संरक्षण के लिए भी डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहे हैं।
  • पांचवा, भारत को भविष्य के लिए तैयार करने का बड़ा प्रयास है। हम 5जी और 6जी जैसी दूरसंचार प्रौद्योगिकी में स्वदेशी क्षमता विकसित करने में निवेश कर रहे हैं।

तकनीकी विकास
प्रौद्योगिकी और भारत की तकनीकी उपलब्धियों के बारे में बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, “आज प्रौद्योगिकी का सबसे बड़ा उत्पाद डेटा है। भारत में, हमने डेटा संरक्षण, गोपनीयता और सुरक्षा का एक मजबूत ढांचा तैयार किया है, जो लोगों के सशक्तिकरण का स्रोत”।

“भारत की आईटी प्रतिभा ने वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने में मदद की। इसने Y2K समस्या से निपटने में मदद की। इसने हमारे दैनिक जीवन में उपयोग की जाने वाली तकनीकी और सेवाओं के विकास में योगदान दिया है। आज, हमने पूरी दुनिया को अपने कोविन प्लेटफॉर्म की पेशकश की है और इसे ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर बनाया,” उन्होंने कहा।

क्रिप्टो पर लगे लगाम
क्रिप्टो करेंसी पर बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व के सभी देशों से यह आह्वान किया कि, सभी लोकतांत्रिक देश इस पर एक साथ काम करें और सुनिश्चित करें कि यह गलत हाथों में न जाए, जो हमारे युवाओं को खराब कर सकता है।

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