कर्नाटक में भारतीय जनता युवा मोर्चा के नेता प्रवीण नेट्टारू की हत्या का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसके विरोध में कई पार्टी कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा दे दिया है। उनका आरोप है कि प्रदेश की बोम्मई सरकार लोगों की सुरक्षा करने में विफल रही है। अब सरकार ने समाज विरोधी और देश द्रोही तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का मन बना लिया है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने 28 जुलाई को कहा है कि अगर जरुरत पड़ी तो राज्य में अशांति फैलाने का प्रयास कर रहे समाज और राष्ट्र विरोधी ताकतों से निपटने के लिए योगी मॉडल को लागू किया जाएगा।
इन परिस्थितयों में लागू होगा योगी मॉडल
मुख्यमंत्री के कार्यकाल का 28 जुलाई को एक वर्ष पूरा हो गया है। मुख्यमंत्री ने इस कार्यकाल में सरकार को पूरे सौ अंक दिए हैं। इस मौके पर बोलते हुए बोम्मई ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जो स्थिति है, उससे निपटने के लिए योगी सही मुख्यमंत्री हैं। लेकिन कर्नाटक की स्थिति अलग है। इसलिए यहां की स्थिति से निपटने के लिए अलग तरीके अपनाए जा रहे हैं। लेकिन अगर जरुरत पड़ी तो सरकार योगी मॉडल अपनाएगी।
क्या है योगी मॉडल?
बता दें कि उत्तर प्रदेश में राष्ट्र द्रोहियों और सांप्रदायिक तत्वों से निपटने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काफी कड़ा रूख अपनाया है। एक तरफ जहां ऐसे तत्वों पर कानूनी और संवैधानिक शिकंजे कसे जाते हैं, वहीं उनके अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलाने के साथ ही संपत्तियों को भी जब्त कर लिया जाता है। इस कारण जहां अपराधी को कड़ी सजा मिलती है, वहीं उसका परिवार भी अपरोक्ष रूप से उसके किए की सजा भुगतता है।
यह है मामला
दक्षिण कन्नड़ जिले के बेल्लारो में भाजयुमो नेता प्रवीण नेट्टारू की कुल्हाड़ी से हमला कर हत्या कर दी गई थी। हैरान करने वाली बात यह है कि जांच में जो खुलासा हुआ है, उसके अनुसार हमला करने वाले आरोपी मोहम्मद शफीक का पिता नेट्टारू की दुकान में काम करता था।