विकसित होगी संतों की सड़क, जुड़ेगी भूमि… ऐसा होगा केंद्र सरकार निर्मित पालखी मार्ग

धार्मिक स्थलों को जोड़ने की बहुआयामी परियोजना पर कार्य चल रहा है। इसके अंतर्गत केंद्र सरकार ने पंढरपुर के मार्ग को विकसित करने का कार्य शुरू किया है।

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राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय के द्वारा संत श्री तुकाराम महाराज और संत श्री ज्ञानेश्वर महाराज पालखी मार्ग समेत कुल 13 पालखी मार्गों की शिलान्यास किया गया। यह भारत सरकार की उस बहुआयामी परियोजना का हिस्सा है जिसमें देश के धार्मिक क्षेत्रों को जोड़ने का कार्य किया जा रहा है।

विठोबा की नगरी जानेवाले वारकरियों के मार्ग की दिक्कतें खत्म करने के लिए पालखी मार्ग का विकास किया जा रहा है। इसंक अंतर्गत दिवेघाट से मोहोल तक संत ज्ञानेश्वर महाराज पालखी मार्ग का लगभग 221 किमी, पतस टोंडेल-बोंडले तक संत तुकाराम महाराज पालखी मार्ग 130 किमी के मार्ग की विकास किया जाएगा। इसमें मार्ग के दोनों ओर पालखी के लिए समर्पित पैदल मार्ग और चार लेन का मार्ग होगा। इसकी अनुमानित लागत लगभग 6,690 करोड़ रुपए की होगी।

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इसके अलावा पंढरपुर से संपर्क बढ़ाने के लिए विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्ग पर 1180 करोड़ रुपए के खर्च से 223 किलोमीटर से अधिक की सड़कों को राष्ट्र को समर्पित किया। इस परियोजना के पूरा होने से म्हसवड-पंढरपुर (एनएच 548ई), कुर्दुवाड़ी-पंढरपुर (एनएच 965सी), पंढरपुर-सांगोला (एनएच 965सी), टेम्भुरनी-पंढरपुर सेक्शन (एनएच 561) और पंढरपुर-मंगलवेढा-उमेडा सेक्शन (एनएच561ए) की राह सरल और सुगम हो गई है।

इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे वर्चुअल माध्यम से उपस्थित थे। केंद्रीय राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय मंत्री नारायण राणे, केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास आठवले समेत कई कई नेता और वारकरी संप्रदाय के संत व सामान्य जनता उपस्थित थी।

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