संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत, पहले प्रधानमंत्री जिन्होंने किया ऐसा

अगस्त के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्षपद भारत के पास है। इसी काल में भारत ने समुद्री सुरक्षा को लेकर चिंताओं और रणनीतिक महत्व के मुद्दे पर खुली बहस की।

140

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की उच्चस्तरीय बैठक की खुली बहस को संबोधित किया। वे देश के पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उसे संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने वर्चुअल बैठक के माध्यम से ‘समुद्री सुरक्षा: अंतरराष्ट्रीय सहयोग का मामला’ के विषय पर वैश्विक नेताओं से खुली बहस के माध्यम से विचार मंथन किया।

प्रधानमंत्री ने समुद्री सुरक्षा, वैश्विक शांति, समुद्र के माध्यम से होनेवाले व्यापार पर आधारित पांच मूल सिद्धांतों पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि, कोई एक देश सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं का ध्यान नहीं रख सकता। इसके लिए समुद्री सुरक्षा में एक व्यापक दृष्टटिकोण होना आवश्यक है।

ये भी पढ़ें – स्वातंत्र्यवीर सावरकर पर बयान के लिए नितेश राणे ने मानी अपनी गल्ती!

शांतिपूर्ण ढंग से हल हों विवाद
वैश्विक शांति सुनिश्चित करने के लिए आपसी विश्वास आवश्यक है। समुद्री विवादों का समाधान शांतिपूर्ण ढंग से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होना चाहिए।

मिलकर करें समुद्री खतरों का सामना
हमें प्राकृतिक आपदा और नॉन स्टेट एक्टर्स की ओर से उत्पन्न खतरे का मिलकर सामना करना होगा। इसके लिए भारत ने कई कदम उठाए हैं। चक्रवात, सुनामी और प्रदूषण संबंधी समुद्री आपदाओं की परिस्थिति में भारत सबसे पहले कदम उठानेवाला रहा है।

समु्द्री संसाधन और पर्यावरण को संभालना होगा
समुद्र का जलवायु पर सीधा प्रभाव पड़ता है। हमें समुद्र को प्लास्टिक और तेल के प्रदूषण से बचाना होगा।

समुद्री संपर्क को मिले प्रोत्साहन
समुद्र से होनेवाले व्यापार के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण आवश्यक है। इन परियोजनाओं के विकास में देशों की वित्तीय स्थिरता और अवशोषण क्षमता को भी देखना होगा।

समुद्र हमारी साझा धरोहर हैं
प्रधानमंत्री ने कहा कि, समुद्री मार्ग विश्व के व्यापार की जीवन रेखा है। परंतु, वर्तमान में इस साझा धरोहर को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। विश्व के कई देशों के बीच समुद्री सीमा को लेकर विवाद भी है। इसके समाधान के लिए हमें आपसी सौहार्द और सहयोग का एक ढांचा विकसित करना चाहिए।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.