Parliament Winter Session: प्रधानमंत्री (Prime Minister) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 14 दिसंबर (शनिवार) को भारतीय संविधान (Indian Constitution) की 75वीं वर्षगांठ (75th Anniversary) के अवसर पर लोकसभा (Lok Sabha) में एक महत्वपूर्ण भाषण दिया।
प्रधानमंत्री ने भारत की लोकतांत्रिक यात्रा (Democratic Journey) को आकार देने में संविधान के गहन महत्व पर प्रकाश डाला, इसकी असाधारण भूमिका और दुनिया भर के सभी लोकतंत्र-प्रेमी लोगों के लिए इसकी प्रासंगिकता पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के 10 गंभीर आरोप
अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंडित जवाहरलाल नेहरू, राजीव गांधी, इंदिरा गांधी और कांग्रेस के फैसले की कड़ी आलोचना की। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी के भाषण में उन्होंने 10 गंभीर आरोप लगाएं।
10 गंभीर आरोप यहां देखें-
- आपातकाल कांग्रेस का पाप है।
- कांग्रेस ने लोकतंत्र का गला घोंटा।
- पंडित नेहरू ने कहा था कि संविधान बदला जाना चाहिए, पत्र की प्रति।
- एक ही परिवार ने 55 साल तक देश पर राज किया।
- इंदिरा गांधी द्वारा सत्ता का दुरुपयोग, कुनीति का प्रयोग पहली बार किया गया।
- राजीव गांधी ने कट्टरपंथियों का समर्थन करके संविधान को कमजोर करने का भी काम किया।
- कांग्रेस ने अदालत के पंख कतरने का काम किया।
- राजीव गांधी ने कट्टरपंथियों का समर्थन करके संविधान को कमजोर करने का भी काम किया।
- कांग्रेस ने अदालत के पंख कतरने का काम किया।
- कांग्रेस की कुनीति परंपरा आज भी जारी है।
- आपातकाल के दौरान देश को जेलखाने में तब्दील कर दिया गया था।
- कांग्रेस ने समय-समय पर संविधान पर हमले किये। पिछले 60 वर्षों में संविधान को 75 बार बदला गया।
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