ज्ञानवापी प्रकरण: स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की याचिका पर क्या होगा निर्णय?

उधर,ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में शिवलिंग मिलने की जानकारी के बाद भी मुस्लिम पक्ष के वजू करने और इससे हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं आहत होने के मामले में मुकदमा दर्ज करने की मांग की याचिका को विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सर्वोत्तमा नागेश वर्मा की अदालत ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156-3 के तहत खारिज कर दिया है।

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ज्ञानवापी शृंगार गौरी मामले में मस्जिद परिसर में कमीशन के कार्यवाही के दौरान वजूखाने में मिले शिवलिंगनुमा आकृति के दर्शन-पूजन और भोग लगाने की मांग को लेकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की ओर से दाखिल याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। जिला जज डा.अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने बहस के बाद सुनवाई पूरी होने पर आदेश सुरक्षित रख लिया। पिछले चार दिनों से केदारघाट स्थित श्री विद्यामठ में अनशनरत स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र के जरिये ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग आदि विश्वेश्वर के राग-भोग के साथ ही पूजा और अर्चना करने की इजाजत देने की मांग की गई है।

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उधर,ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में शिवलिंग मिलने की जानकारी के बाद भी मुस्लिम पक्ष के वजू करने और इससे हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं आहत होने के मामले में मुकदमा दर्ज करने की मांग की याचिका को विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सर्वोत्तमा नागेश वर्मा की अदालत ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156-3 के तहत खारिज कर दिया है। इस मामले में सोमवार को सुनवाई हुई। याचिका की पोषणीयता (सुनने योग्य है या नहीं) पर सुनवाई के बाद अदालत ने आदेश के लिए मंगलवार की तिथि तय की थी। वादी अधिवक्ता राजा आनंद ज्योति सिंह की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ श्रीवास्तव व ज्ञानप्रकाश सिंह ने वाद दायर कर सीआरपीसी 156-3 के तहत अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन, प्रबंध समिति समेत एक हजार अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग की थी।

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