पंजाब को नया सरदार मिल गया है। चरणजीत सिंह चन्नी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। उनके साथ ही प्रदेश में दो डिप्टी सीएम भी बनाए गए हैं। उनमें सुखजिंदर सिंह रंधावा और ओपी सोनी शामिल हैं। चंडीगढ़ में संपन्न हुए शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस नेता राहुल गांधी पहुंचे तो सही लेकिन तब तक शपथ ग्रहण समारोह समाप्त हो चुका था।
Charanjit Singh Channi takes oath as chief minister of Punjab
— Press Trust of India (@PTI_News) September 20, 2021
शपथ ग्रहण के साथ ही चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के मुख्यमंत्री बन गए हैं और 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती भी शुरू हो गई है। मात्र साढ़े चार महीने चुनाव में बाकी हैं। इस स्थिति में चन्नी के साथ ही दोनों उपमुख्यमंत्रियों तथा पूरे मंत्रिमंडल के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी है।
Congratulations to Charanjeet singh Channi ji for new Responsibility …
We hope you will Hardworking for Punjab..🎉🎉 pic.twitter.com/q1f3UbzGIw— Aditya Jha (@AdityaJha_18) September 19, 2021
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कांग्रेस ने माना- वादे नहीं हुए पूरे
इस बारे में जी टीवी से बात करते हुए कांग्रेस नेता जसकरन कहलोन ने माना कि चुनाव पूर्व जो वादे कांग्रेस ने मतदाताओं से किए थे, वे पूरे नहीं हुए हैं और उन्हें अगले कुछ महीनों में पूरे करने हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में पूरी तरह लोकतंत्र है और मैं यह स्वीकार करता हूं कि सरकार को अपने कई वादे पूरे करने हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी में सच बोलने पर रोक नहीं है।
ये हैं चुनौतियां
चन्नी को राज्य में होने वाले चुनाव से पहले उन 18 वादों को जमीन पर उतारना होगा, जिनकी लिस्ट तीन महीने पहले पार्टी हाईकमान ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को सौंपी थी। इसके साथ ही पार्टी में चल रही कलह को शांत करना भी उनके लिए बड़ी चुनौती होगी। एक तरफ जहां पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पार्टी से नाराज चल रहे हैं, वहीं मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने के कारण प्रदेश के पार्टी प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के भी शांत बैठने की संभावना नहीं है। ऐसे में पार्टी में अंदरुनी कलह को नियंत्रण करना चन्नी के लिए बहुत बड़ी चुनौती होगी। उनके कंधों पर 2022 में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीताने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।