मनी लेकर कहां भागे राष्ट्रपति गनी? जानिये, इस खबर में

राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ने से अफगानिस्तान के लोग नाराज बताये जा रहे हैं। देश पर तालिबान के कब्जा करने से 10 दिन पहले ही अशरफ गनी ने कहा था कि वो देश नहीं छोड़ेंगे।

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तालिबान के डर से अफगानिस्तान छोड़कर भागने वाले राष्ट्रपति अशरफ गनी कैश से भरी चार कारों और एक हेलीकॉप्टर के साथ काबुल से रवाना हुए थे। उन्हें कुछ पैसे काबुल एयरपोर्ट पर छोड़कर भागना पड़ा क्योंकि उसे वे हेलीकॉप्टर में नहीं रख पा रहे थे। काबुल में रूसी दूतावास के प्रवक्ता निकिता इंशचेन्को ने बताया कि चारों कारें कैश से भरी हुई थीं। उन्होंने कुछ कैश हेलीकॉप्टर में रखा। वे पूरा पैसा उसमें रख नहीं पाए और कुछ पैसे यूं ही छोड़कर चले गए।

फिलहाल अशरफ गनी कहां हैं, इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिल पाई है। हालांकि बताया जा रहा है कि वो ओमान पहुंच गए हैं। उन्हें तजाकिस्तान और कजाकिस्तान ने अपने देश में उतरने की अनुमति नहीं दी। वे ओमान होते हुए अमेरिका जा सकते हैं।

देश छोड़ने का बताया यह कारण
अफगानिस्तान से रवाना होने से ठीक पहले उन्होंने फेसबुक पर लिखी एक पोस्ट में कहा था, कि वे देश में खूनखराबे को रोकने के लिए ऐसा कर रहे हैं। गनी ने कहा कि अगर वे यहां रहेंगे तो उनके समर्थक सड़कों पर उतरेंगे और तालिबान से टकराव के कारण खूनखराबा होगा।

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देश नहीं छोड़ने का किया था वादा
राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ने से अफगानिस्तान के लोग नाराज बताये जा रहे हैं। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जा करने से 10 दिन पहले ही अशरफ गनी ने कहा था कि वो देश नहीं छोड़ेंगे। जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर वाली नसर ने एक वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में गनी ने एक मंच से कहा कि वह अफगानिस्तान के सम्राट अमौल्लाह का सम्मान करते हैं, लेकिन वे भाग गए लेकिन मैं नहीं भागूंगा।

सेना पर सवाल
बता दें कि तालिबान ने 16 अगस्त को काबुल में एंट्री के साथ ही संपूर्ण अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है। मात्र 22 दिनों में ही तालिबान ने काबुल पर कब्जा जमा लिया है। इससे अमेरिका के संरक्षण में तैयार 3 लाख सैनिकों की अफगान सेना पर पर सवाल उठाए जा रहे हैं, जिसने इतनी आसानी से हथियार डाल दिया।

रुस नहीं छोड़ेगा दूतावास
इस बीच रुस ने अपने दूतावास को खाली करने से इनकार किया है। रुस की ओर से कहा गया है कि तालिबान सरकार को मान्यता दी जा सकती है। विदेश मंत्रालय के अधिकारी जमीर काबुलोव ने कहा कि उनके राजदूत तालिबान नेतृत्व के संपर्क में हैं। काबुलोव ने यह भी कहा कि यदि तालिबान का आचरण ठीक रहता है तो उसे मान्यता दी जा सकती है। अफगानिस्तान में रुस के राजदूत दिमित्री झिरनोव दूतावास की सुरक्षा को लेकर तालिबान के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर सकते हैं।

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