न नेता, न कार्यालय… ऐसा है ‘अर्बन नक्सल’ का नया उग्रवादी षड्यंत्र ‘एंटिफा’!

एंटीफा इंडिया वर्तमान भाजपा सरकार के विरुद्ध मोर्चा खोले हुए है। उसके सोशल मीडिया पोस्ट उग्रवाद को बढ़ावा देनेवाले लोगों की प्रशंसा और समर्थन से भरे हुए हैं।

103

महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव हिंसा प्रकरण में गिरफ्तारियां हुईं तो बड़ा विरोध शुरू हुआ। अलग-अलग मंचों से तथाकथित बुद्धिजीवियों ने विरोध किया, मंचों से मसखरे और टुकड़े-टुकड़े गैंग ने भी सरकार पर निशाना साधा। परंतु, यह दबाव की नीति काम न आई क्योंकि प्रकरण देश के विरुद्ध षड्यंत्र का था। अब ऐसी ही एक बड़ी साजिश चल रही है, जिसका न कोई ठौर है और न कोई ठिकाना। लेकिन ये आतंक का ऐसा टूलकिट है जो उग्रवादी वामपंथियों का मंच बन रहा है। इसे एंटीफा इंडिया या एंटी फासिस्ट के नाम से सोशल मीडिया पर चलाया जा रहा है।

खालिस्तान, किसान, दलित और मुसलमान को वरगलाकर भारत के विरुद्ध षड्यंत्र रचे जाने की खबरें आती रही हैं। इस षड्यंत्र में खालिस्तानी आतंकी, पाकिस्तानी आतंकी एजेंसी आईएसआई और चरमपंथी वामपंथी संगठन की भूमिका है। जो किसान, मुसलमान और दलितों में असंतोष उत्पन्न करके उसे इस स्तर तक ले जाने का प्रयत्न करे रहे हैं, कि इसकी आड़ में भीड़, हिंसा, लूटपाट, अग्निकांड कर सके। इसका एक रूप शाहीन बाग में सीएए के विरोध में देखा गया था, जिसमें नागरिकता देने के कानून पर समुदाय विशेष ने विरोध प्रदर्शन किया।

यह शांत ही हुआ था कि दिल्ली में दंगे हो गए। इसके बाद किसान यूनियन सड़कों पर उतर आई। इसमें खालिस्तानी समर्थक खुलकर दिखे। इसमें एक स्लीपर सेल की भूमिका सामने आई है, जिसका न कोई कार्यालय है और न ही कोई नेता, यह सोशल मीडिया के माध्यम से नक्सली जहर घोलने का काम कर रहा है। इस उग्रवादी वामपंथी संगठन का नाम एंटिफा इंडिया  या इंटी फासिस्ट है। इसके मूल में माना जा रहा है कि, अर्बन नक्सल हैं।

अर्बन नक्सल का नया रूप…
एंटिफा इंडिया को अर्बन नक्सलियों का नया रूप माना जा रहा है, इसमें सोशल मीडिया के उपयोग से उग्रवाद का महिमा मंडन करना, लोगों को हिंसा के लिए उग्र करना और सरकारी मशीनरी के विरुद्ध षड्यंत्र रचना शामिल है। इसका एक साक्ष्य है यह पोस्ट…

एंटिफा इंडिया म्यूजिक (एआईएम) यूट्यूब पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपशब्दों से भरा रैप संगीत जारी कर रहा है। जिस पर लगाम नहीं लगाया जा रहा है।

अमेरिका में बैठे किराए को टट्टू एंटिफा अमेरिका के माध्यम से आंदोलन करके अंतरराष्ट्रीय पर पटल पर बदनामी की साजिश कर रहे हैं।

सोशल मीडिया पर एंटीफा या एंटी फासिस्ट इंडिया के पोस्ट भाजपा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध से भरे पड़े हैं।

अर्बन नक्सलियों का दूसरा रूप एंटिफा या एंटी फासिस्ट इस्लामी आतंक का भी समर्थन करता है। जो कश्मीर में राकेश पंडिता की हत्या के प्रकरण में सामने आया। लश्कर ए तोयबा ने राकेश पंडिता की हत्या की थी, जिसका समर्थन करता एक पोस्टर जारी हुआ था, जिसमें पिपल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट ने जारी किया था। इस पोस्टर को एक पत्रकार ने ट्वीट किया था।

एंटिफा इंडिया या एंटी फासिस्ट फ्रंट यह एक नाम है, लेकिन इसके अलग-अलग नामों से भी संगठन हैं। ये हर उस संगठन का समर्थन करता है, जो आतंक, उग्रवाद के माध्यम से लोकतांत्रिक सत्ता को उखाड़ फेंकने का प्रयत्न करता है। अमेरिका में जॉर्ज फ्लॉयड की एक श्वेत पुलिसकर्मी द्वारा हत्या किये जाने के बाद ये ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ जैसे कैंपेन शुरू करता है और उसकी आड़ में सैकड़ों संपत्तियों की लूटपाट, आगजनी को इसके कार्यकर्ताओं द्वारा अंजाम दिया जाता है।

लेकिन, भारत में इसका रूप अलग है, यहां इसे 21वीं सदी का चरम वामपंथी माना जाता है। यह अपने प्रचार में भी उसी का समर्थन करता है। यह गरीब, मुस्लिम, दलित, किसान, खालिस्तान के नाम पर उद्वेलित करके लोगों को उग्रवाद में धकेलता है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.